IAS स्टोरी: पहले प्रयास में हुई असफल, लेकिन फिर बनी टॉपर, जाने कैसे पार किया कठिन सफर?
दिल्ली में जन्मी और वहीं पली-बढ़ी शिवानी ने दूसरे प्रयास में साल 2017 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा 15वीं रैंक के साथ पास की. दिल्ली के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन करने वाली शिवानी को परीक्षा देने के लिए एक साल रुकना पड़ा क्योंकि वे न्यूनतम उम्र सीमा तक नहीं पहुंची थी. हालांकि अपने गोल को लेकर क्लियर शिवानी ने इसकी तैयारी जरूर बहुत पहले से शुरू कर दी थी. अपने पहले प्रयास में असफल होने के बाद उन्होंने दूसरे प्रयास में कमियों को दूर किया और न केवल सेलेक्ट हुईं बल्कि टॉपर भी बनीं. शिवानी मानती हैं कि बाकी विषयों की तैयारी के अलावा ऐस्से और एथिक्स दो ऐसे पेपर हैं जिनमें बाकी सब्जेक्ट्स की तुलना में कम मेहनत से भी अच्छे अंक लाए जा सकते हैं, अगर कुछ चीजों का ध्यान रखा जाए तो. आज जानते हैं शिवानी से इन दोनों पेपर को अच्छे अंकों से पास करने के टिप्स.
#VocalForLocal for promoting grassroots industries, boosting India's soft power and simply for its sheer beauty and aesthetics. Remembering a happy day in LBSNAA on the valediction day! To new beginnings! In photo: Sambalpuri Saree, Orissa #NationalHandloomDay pic.twitter.com/rpBpexv1EB
— Shivani Goyal (@Shivani_sg11) August 7, 2020
ऐस्से के लिए पहले से तैयार कर लें कुछ विषय
शिवानी दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में बात करते हुए कहती हैं कि ऐस्से के विषय में जानकारी पाने के लिए जब आप पिछले साल के प्रश्न-पत्र देखेंगे तो पाएंगे कि कुछ विषय ऐसे होते हैं जिनसे हर अल्टरनेट ईयर में प्रश्न आते हैं. जैसे एजुकेशन, वुमेन, एनवायरमेंट आदि. कुछ ब्रॉड विषयों की तैयारी आप पहले से कर सकते हैं. हालांकि निबंध में जिस विषय पर बात की जा रही हो, उसी पर टिके रहें पर कुछ कॉमन विषयों पर इंट्रो और एंडिंग तैयार रखें ताकि पेपर के समय बहुत वक्त न बर्बाद हो. निबंध की शुरुआत किसी कहानी, कोट या घटना से भी कर सकते हैं. हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है पर इस तरह की शुरुआत अच्छा प्रभाव डालती है. इसी प्रकार एंड भी तैयार कर लें कि विभिन्न विषयों पर बात करते हुए आप एंड में क्या निष्कर्ष देंगे.
निबंध को मल्टी डायमेंशनल बनाएं
शिवानी कहती हैं कि निबंध लिखते वक्त किसी विषय पर बहुत गहरे उतरने से बेहतर है कि उसके विभिन्न आयामों को छूएं यानी मल्टी डायमेंशनल ऐस्से लिखें. यह अच्छा प्रभाव डालता है. जहां संभव हो अपनी बात के सपोर्ट में एग्जामपल्स डालते चलें. ये एग्जाम्पल रियल लाइफ के हों तो कहना ही क्या. चीजों के तार आपस में जोड़ते हुए आगे बढ़ें, यानी भटकाव से बचें. विषय के फॉर और अगेंस्ट दोनों में अपनी राय रखें पर कुल मिलाकर एक बैलेंस अपरोच के साथ आगे बढ़ें. अंत में सॉल्यूशन के साथ अपनी बात खत्म करें.
Throwback to the good times in Naswadi Taluka, Chhotaudepur. Being amidst the simply serene beauty of its Nature and trying a hand at archery with the internationally renowned archer Dinesh Bhil made the day memorable. pic.twitter.com/WnqCxRITXK
— Shivani Goyal (@Shivani_sg11) June 13, 2020
वो लिखें जो पूछा गया है ना कि वो जो आपको आता है
कैंडिडेट्स कई बार यह बड़ी गलती करते हैं कि घर से जो विषय तैयार करके गए होते हैं, उससे मिलता-जुलता विषय आने पर वे बस वही लिख देते हैं यह नहीं देखते कि प्रश्न में आखिर पूछा क्या गया है. इस बात का ध्यान रखें कि विषय क्या है और उससे भटकें नहीं. इसके लिए पेपर के पहले कुछ दिन रोज ऐस्से लिखने की प्रैक्टिस करें ताकि मुख्य परीक्षा वाले दिन आपको समस्या न हो. कई बार अभ्यास न करने से कैंडिडेट समय की कमी महसूस करते हैं और शुरुआत तो अच्छे से करते हैं पर अंत तक आते-आते पूरा रिदम बिगड़ जाता है.
एथिक्स के लिए बहुत जरूरी है सिलेबस
शिवानी कहती हैं कि यूं तो सिलेबस हर पेपर के लिए बहुत जरूरी होता है पर जहां तक बात एथिक्स की है तो इसे तैयार करने से पहले सिलेबस सामने रखकर बैठें. एक-एक विषय को उठाते जाएं और देखते चलें कि इसके अंतर्गत किस प्रकार की सामग्री लिखने की आवश्यकता है. पिछले साल के पेपर देखें और यह चेक करें कि टॉपर्स ने कैसे आंसर लिखे हैं. जिस बिंदु पर चर्चा हो रही हो उस पर ही बात करें. एक ऑफिसर की तरह समाधान बताने का प्रयास करें न कि समस्या कहकर छोड़ दें.
यहां भी अपनी बात के पक्ष में जीवन की आम चीजों के उदाहरण दें और डे टू डे लाइफ में होने वाली घटनाओं का जिक्र करके अपनी बात का समर्थन करें. परीक्षा के पहले अभ्यास कर लेंगे और पिछले साल के पेपर देख लेंगे तो समस्या नहीं होगी.
यह ध्यान रखें कि इन दो पेपरों में थोड़े से प्रयास से बहुत अच्छे अंक लाए जा सकते हैं जो आपकी ओवर-ऑल रैंक सुधारने में भी अहम भूमिका निभाते हैं. इसलिए इन दोनों पेपरों को भी पूरी गंभीरता से लें और जमकर इनकी तैयारी करें.
And maybe the best and the sad part about working in the services is the families you meet and leave one day! But the good thing is that they remain a special part of you forever! Thank you to the amazing and best team of Prant Bodeli! 😊 pic.twitter.com/8Bpyv2RW4m
— Shivani Goyal (@Shivani_sg11) June 25, 2020
न्यूज़ सोर्स:ABP