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IAS रही पूजा खेडकर की गिरफ्तारी निश्चित, इस बार राहत मिलने की उम्मीद कम

Nilmani Pal
15 Jan 2025 1:34 AM GMT
IAS रही पूजा खेडकर की गिरफ्तारी निश्चित, इस बार राहत मिलने की उम्मीद कम
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मुंबई। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर ने सुप्रीम कोर्ट (SC) का रुख करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांगजन (PwD) के लिए आरक्षित कोटा का फर्जी तरीके से लाभ उठाकर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा पास की।

खेडकर ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में जिन दस्तावेजों और आवेदन पत्रों का उल्लेख किया गया है, वे पहले से ही अभियोजन पक्ष के पास हैं, इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वे एक अविवाहित दिव्यांग महिला हैं। खेडकर ने यह भी कहा कि उनकी नियुक्ति फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में हुई थी, जिससे उन्हें ऑल इंडिया सर्विसेज एक्ट और रूल्स के तहत सुरक्षा मिलती है। उन्होंने दावा किया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत भी उन्हें तब तक संरक्षण प्राप्त है, जब तक उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो जाते।

खेडकर के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद यूपीएससी ने उनकी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया और उन्हें "CSE-2022 के नियमों का उल्लंघन" करने का दोषी मानते हुए भविष्य में सभी परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया। इसके बाद यूपीएससी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज किया। खेडकर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। 12 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम सुरक्षा दी थी, लेकिन 23 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया।

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