भारत
IAS अधिकारी का ट्वीट, कहा- 'भ्रष्ट अधिकारियों का सफाया होना चाहिए, ठीक 'गांजे' की तरह
Rounak Dey
10 Aug 2022 5:09 PM GMT
x
चर्चित आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (IAS Ashok Khemka) देश के उन अधिकारियों में शुमार है, जिनका 30 साल के करियर में 50 से ज्यादा बाद ट्रांसफर हो चुका है. वह 1991 बैच के IAS अधिकारी हैं. ब्यूरोक्रेट अशोक खेमका अब भ्रष्टाचार पर अपने एक ट्वीट को लेकर चर्चा में हैं. इस ट्वीट में उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है.
ट्वीट में IAS खेमका ने लिखा- 'भ्रष्ट अधिकारियों का सफाया होना चाहिए, ठीक 'गांजे' की तरह...क्योंकि इन भ्रष्ट अधिकारियों में यह क्षमता होती है कि वह गांजे की तरह बढ़ते हैं और ईमानदार लोगों का गला घोटते हैं.'
हरियाणा में अशोक खेमका से ज्यादा ट्रांसफर केवल IAS प्रदीप कसानी के हुए. अपने 35 साल के कार्यकाल में IAS कसानी का 71 बार ट्रांसफर हुआ.
यूजर्स के भी IAS खेमका के ट्वीट पर रिएक्शन आने लगे. कई यूजर इस ट्वीट पर सहमत नजर आए. वहीं एक शख्स ने तो इसे 'ख्याली पुलाव' कह दिया. कुछ यूजर्स ने यह भी कह दिया कि आखिर यह सब करेगा कौन? कुछ यूजर्स ने यहां तक कह दिया कि उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं दिखती.
एक यूजर ने लिखा- इससे तो कई ईमानदार लोग भी प्रभावित होंगे. क्योंकि 'गांजा' अब मुख्य फसल में भी घुस गया है. लोकतंत्र में यह मुख्य मुद्दा है. इसे आपसे बेहतर अच्छे तरीके से कोई र नहीं समझ सकता.
एक यूजर ने तो आईएएस खेमका को सलाह दे डाली. इस शख्स ने ट्वीट में लिखा- आप तो एक आईएएस हैं. आप सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल क्यों नहीं करते? ताकि ED जैसी एंटी करप्शन एजेंसी रैंडम तौर पर IAS, IPS, IRS, IRES अधिकारियों की जांच करें और भ्रष्ट लोगों को सजा मिले.
वहीं, एक और यूजर ने खेमका के समर्थन में लिखा, आप सही कह रहे हैं सर. लेकिन इन भ्रष्ट अधिकारियों को उनके राजनैतिक गुरुओं के द्वारा सपोर्ट मिलता है. ऐसे में पहले किसका खात्मा करना चाहिए?
वहीं एक अन्य यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, ऐसे (भ्रष्ट) चाहें अधिकारी हो या चपरासी...सभी को तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल देना चाहिए. वहीं एक शख्स ने लिखा कि अब भ्रष्ट अधिकारी होना आम बात हो गई है.IAS अधिकारी का ट्वीट, कहा- 'भ्रष्ट अधिकारियों का सफाया होना चाहिए, ठीक 'गांजे' की तरह
गिरफ्तारी पर लगी थी हाल में रोक
इससे पहले मई में अशोक खेमका तब चर्चा में आए थे जब उनके खिलाफ पंचकुला के सेक्टर पांच थाने में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद खेमका ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने इस मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
जब यह मामला सामने आया था तब भी उन्होंने ट्वीट कर कवि रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी किताब से एक कविता शेयर की थी. ट्वीट करते हुए तब उन्होंने लिखा था- फिर साजिशन कीचड़ उछाला जाने लगा, यह इम्तिहान भी स्वीकार...
वैसे IAS अशोक खेमका का जब-जब ट्रांसफर हुआ, वह इस बारे में खुलकर सोशल मीडिया पर लिखते रहे हैं. साल 2019 में जब उनका ट्रांसफर हुआ था. तब भी उनका एक ट्वीट काफी चर्चा में रहा था.
IAS अधिकारी अशोक खेमका का नाम साल 2012 में तब चर्चा में आया था, जब उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी और रियल स्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच हुए भूमि सौदे को कैंसिल कर दिया था.
Rounak Dey
Next Story