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IAS ऑफिसर रोमा की सफलता की कहानी...कभी नहीं ली कोचिंग...फिर भी...

Admin2
11 Feb 2021 1:50 PM GMT
IAS ऑफिसर रोमा की सफलता की कहानी...कभी नहीं ली कोचिंग...फिर भी...
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यूपीएससी एक ऐसी परीक्षा है जिसमें कैंडिडेट्स एक सफलता के लिए तरसते हैं. ऐसे में रोमा श्रीवास्तव जैसे कैंडिडेट्स भी सामने आते हैं जो एक दो नहीं पूरे तीन बार यह एग्जाम क्रैक करते हैं और हर बार उनकी रैंक पहले से इंप्रूव होती है. रोमा ने कुल चार बार यह परीक्षा दी जिसमें से तीन बार वे चयनित हुईं. हर बार रैंक के अनुसार मिल रही सर्विसेस से रोमा संतुष्ट नहीं थी और उन्होंने तब तक यह एग्जाम दिया जब तक अपना मनपसंद आईएएस पद नहीं पा लिया. साल 2019 में चौथे प्रयास में रोमा ने 70वीं रैंक के साथ एग्जाम क्लियर किया जिससे उन्हें आईएएस पद मिला. इस प्रकार रोमा मंजिल तक पहुंचीं. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में रोमा ने दिए परीक्षा पास करने के टिप्स.

साल 2019 में अपने चौथे प्रयास में सफल होने वाली रोमा ने इससे पहले लगातार दो बार यूपीएससी सीएसई एग्जाम क्लियर किया था. उन्होंने पहला अटेम्प्ट दिया साल 2016 में जिसमें उनका सेलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद अगले साल 2017 में उन्होंने परीक्षा दी और और सेलेक्ट हो गईं. इस बार की रैंक के अनुसार उन्हें मिला इंडियन पोस्ट एंड टेलीकॉम सर्विस. रोमा 2018 में दोबारा चयनित हुईं. इस साल रैंक के अनुसार उन्हें मिली आईपीएस सेवा, जिसे ज्वॉइन करने के बाद उन्होंने अगला अटेम्प्ट दिया. अंततः साल 2019 में रोमा को 70वीं रैंक के साथ मंजिल मिली.

रोमा को इन चार प्रयासों के लिए करीब पांच से छः साल परीक्षा की तैयारी करनी पड़ी. उनकी तैयारी की पहली खास बात यह थी कि इस दौरान कभी उन्होंने कोचिंग नहीं ली. दूसरी खास बात यह रही कि रोमा ने इंटरनेट का भरपूर इस्तेमाल अपनी तैयारी के लिए किया. इसमें भी यूट्यूब को रोमा अपने लिए किसी वरदान जैसा मानती हैं. वे जब कभी किसी भी विषय में परेशान हुईं या कोई टॉपिक नहीं मिला या कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने यूट्यूब पर ट्यूटोरियल लेकर अपने संदेह दूर किए. यहां उन्होंने स्टडी मैटीरियल से लेकर मोटिवेशनल वीडियोज तक सबकुछ देखा और इंटरनेट का जमकर प्रयोग किया.

इस प्रकार वे उन कैंडिडेट्स में से भी नहीं हैं जो मानते हैं कि सफल होने के लिए आपको इन सब चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए वरना यह आपका ध्यान भटकाते हैं. दरअसल सच ये है कि ध्यान भटकाएंगे या मदद करेंगे यह आपके अपने ऊपर है.

प्री के लिए रोमा का मानना है कि यहां केवल कट-ऑफ निकालने पर फोकस करें. बहुत ज्यादा मार्क्स लाने का कोई फायदा नहीं. सबसे पहले बेसिक्स से शुरुआत करें और तैयारी हो जाने के बाद खूब मॉक टेस्ट दें. इस परीक्षा को क्लियर करने का एक ही तरीका है जमकर टेस्ट देना. रोमा भी यही करती थी. जो एरियाज आपके वीक हों, उन पर अधिक फोकस करें और जो स्ट्रांग हैं उन पर कम ध्यान देने से भी काम चल सकता है.

चूंकि रोमा इंजीनियरिंग बैकग्राउंड की हैं तो जहां सी-सैट पेपर में उन्हें इसका फायदा मिला वहीं मेन्स की तैयारी के दौरान आर्ट्स के विषय पढ़ने में खासी दिक्कत पेश आयी. हालांकि रोमा को इससे मेहनत तो अधिक करनी पड़ी पर उन्होंने कदम पीछे नहीं किए. जमकर वीडियोज देखे, कांसेप्ट क्लियर किए और तो और करेंट अफेयर्स और न्यूज पेपर के लिए भी इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न वेबसाइट्स की मदद ली. रोमा ने कभी अलग से पेपर नहीं पढ़ा. इस प्रकार हम देख सकते हैं कि कैसे स्मार्ट स्टडी करके और इंटरनेट को वाइजली प्रयोग करके यह परीक्षा निकाली जा सकती है.

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