भारत
आईएएस अफसर को मिला कैदी का दर्जा, बैरक नम्बर 24 होगा नया ठिकाना, जाने क्यों देखने पड़ रहे है ये दिन
jantaserishta.com
26 Dec 2020 7:37 AM GMT
x
फाइल फोटो
एसीबी टीम ने सेंट्रल जेल भेज दिया है.
बारां के पूर्व कलेक्टर आईएएस इंद्र सिंह राव को जयपुर की एसीबी टीम ने गुरुवार को कोटा में अदालत में पेश किया था. कोर्ट ने यहां से इंद्र सिंह राव को एक दिन की पीसी रिमांड पर भेजा था. शुक्रवार को पीसी रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद एसीबी के अधिकारी उन्हें कोटा जिला एवं सेशन जज योगेंद्र कुमार पुरोहित के बंगले पहुंचे जहां न्यायाधीश ने इंद्र सिंह को 6 जनवरी तक जेल भेजने के आदेश दिए हैं.
इसके बाद एसीबी टीम ने आईएएस इंद्र सिंह राव को कोटा सेंट्रल जेल भेज दिया है. राव का कैदी नम्बर 2446 है और उन्हें बैरक नम्बर 24 में रखा गया है.
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंटेलिजेंस जयपुर सीपी शर्मा का कहना है कि पूछताछ के बाद पूर्व कलेक्टर आईएएस इंद्र सिंह राव को न्यायाधीश के निवास पर पेश किया गया था जहां से राव को जेल भेजने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही बेल एप्लीकेशन को 28 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने के निर्देश भी जज ने दिए हैं. सीपी शर्मा ने कहा कि प्रॉपर्टी के मुद्दे पर हमने जो हस्तक्षेप किया था, उसमें क्लियर किया गया है कि कौन सी प्रॉपर्टी है. अब इसका पूरा अलग रिकॉर्ड बनाया जा रहा है. जो भी संपत्ति है उसका मिलान किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि जिस फाइल को लेकर अप्रूवल ली गई थी, हमने उसकी डिटेल भी ली है. आईएएस राव ने पूछताछ में बहुत ज्यादा सहयोग नहीं किया. हमने नार्को और वॉइस सैंपल लेने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने इसके लिए इनकार कर दिया है. ऐसे में हम आगे नार्को और वॉयस सैंपल के लिए आवेदन डाल सकते हैं.
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीपी शर्मा का कहना है कि जो चांदी का सिक्का कलेक्टर को गिफ्ट में मिलने की बात कही जा रही थी, वह अभी तक तलाशी में नहीं मिला है. आईएएस इंद्र सिंह राव ने एसीबी को बताया कि वह बारां में हो सकता है. ऐसे में जब भी बारां के बंगले की तलाश होगी तो उस संकेतक को भी तलाशा जाएगा. ऐसे में तब सिक्का वहां पर प्राप्त हो सकता है.
बता दें कि बारां में 9 दिसम्बर को पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने के एवज में 1 लाख 40 हजार रिश्वत लेते कोटा एसीबी की टीम ने बारां कलेक्टर इंद्र सिंह राव के पीए महावीर नागर को गिरफ्तार किया था. बातचीत में महावीर ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि इतने पैसे छोटा कर्मचारी ले सकता है क्या? उच्चाधिकारी के कहने पर पैसे लिए जाते थे. जो रकम ली गई है वो पूरी ही कलेक्टर को देनी थी. एसीबी की पूछताछ में पीए ने बताया था कि रिश्वत की रकम में कुछ हिस्सा बाबुओं था, बाकी कलेक्टर का हिस्सा था. इसके बाद बुधवार को जयपुर एसीबी की टीम ने इंद्र सिंह राव को पूछताछ के लिए जयपुर ऑफिस बुलाया. वहां उनको गिरफ्तार कर लिया गया था.
Next Story