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आईएएनएस-सीवोटर सर्वे: ज्यादातर लोग बृजभूषण की तत्काल गिरफ्तारी के समर्थन में

jantaserishta.com
5 Jun 2023 10:09 AM GMT
आईएएनएस-सीवोटर सर्वे: ज्यादातर लोग बृजभूषण की तत्काल गिरफ्तारी के समर्थन में
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फाइल फोटो

नई दिल्ली (आईएएनएस)| सीवोटर द्वारा आईएएनएस के लिए किए गए एक विशेष सर्वेक्षण से पता चलता है कि देश के अधिकांश लोग न केवल उन महिला पहलवानों का समर्थन करते हैं, जिन्होंने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं, बल्कि यह भी चाहते हैं कि पुलिस आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे। दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों की प्रमुख मांगों में से एक भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद की तत्काल गिरफ्तारी की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका के आधार पर दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज कीं। इनमें से एक प्राथमिकी कड़े पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, जिसमें नाबालिग के खिलाफ यौन अपराध शामिल हैं।
सर्वे के दौरान पूछा गया एक सवाल था: क्या आप जांच पूरी होने से पहले ही बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की पहलवानों की मांग का समर्थन करते हैं? कुल 56 प्रतिशत के करीब प्रतिभागियों ने इसका उत्तर 'हां' में दिया जबकि मात्र 27 प्रतिशत ने उन्हें गिरफ्तार करने से असहमति जताई। पार्टी लाइन पर देखें तो करीब दो-तिहाई विपक्षी समर्थक मांग से सहमत हैं, वहीं 43 फीसदी से ज्यादा एनडीए समर्थकों ने भी मांग से सहमति जताई है।
विग्नेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे एशियाई, राष्ट्रमंडल और ओलंपिक पदक विजेताओं सहित कई पहलवानों ने शुरू में इस साल जनवरी में बृजभूषण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। अब इस मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट भी कर रहा है।
एक खामोशी के बाद अप्रैल से विरोध तेज हो गया है। प्रदर्शनकारी पहलवान बृजभूषण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जबकि सिंह का दावा है कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। दिल्ली में जंतर-मंतर पर अधिकारियों की निष्क्रियता के खिलाफ अप्रैल में अपना विरोध दोबारा शुरू करने के बाद से बड़ी संख्या में विपक्षी दलों और नागरिक समाज समूहों ने पहलवानों का समर्थन किया है। उन्हें 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करते समय गिरफ्तार किया गया था जब संसद भवन का औपचारिक उद्घाटन किया गया था। जंतर-मंतर से भी उन्हें हटा दिया गया है।
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