भारत

मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया : सांसद दानिश अली

Nilmani Pal
24 Sep 2023 1:28 AM GMT
मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया : सांसद दानिश अली
x

दिल्ली। बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की संसद में अमर्यादित भाषा पर विपक्ष लगातार कार्यवाही की मांग कर रहा है. इस बीच, बसपा सांसद दानिश अली पर उकसाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. अब दानिश ने इस मामले में चुप्पी तोड़ी है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो ट्वीट किया है. दानिश ने कहा है कि बीजेपी के नेता नैरेटिव चलाने का प्रयास कर रहे हैं. सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया है.

बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने ट्वीट किया और लिखा, भाजपा के कुछ नेता एक नैरेटिव चलाने का प्रयास कर रहे हैं कि संसद में मैंने रमेश बिधूड़ी को भड़काया. जबकि सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया और सभापतिजी को मोदी जी से संबंधित घोर आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्रवाई से हटाने की मांग की थी. दानिश अली ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें बीजेपी सांसद बिधूड़ी संसद में चंद्रयान -3 मिशन की सफलता के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दे रहे हैं. वीडियो में रमेश बिधूड़ी कहते हैं, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होती है तो उनके (विपक्ष) पेट में दर्द होने लगता है कि गरीब का बेटा, एक 'चाय बेचने वाले' का बेटा... जिसे कभी 'मौत का सौदागर', कभी 'नीच', कहा जाता है.. ये लोग सफलता पचा नहीं पा रहे हैं. बिधूड़ी ने आगे कहा, ये लोग सवाल उठा रहे हैं कि मोदी साब श्रेय क्यों ले रहे हैं? मोदी साब श्रेय नहीं ले रहे हैं, श्रेय ले रहे हैं देश के वैज्ञानिक. इस बीच, आवाजें आती हैं और रमेश बिधूड़ी पूरी तरफ बिफर जाते हैं. उसके बाद उन्होंने लगातार बीएसपी सांसद दानिश अली को लेकर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया.

समाचार एजेंसी से बातचीत में दानिश अली ने कहा, पूरे देश और दुनिया ने देखा कि क्या हुआ? बीजेपी का चरित्र सामने आ गया है. निशिकांत दुबे के स्पीकर को पत्र लिखने पर दानिश ने तंज कसा और कहा, वही निशिकांत दुबे... जिन्होंने पिछड़ी जाति के अपने कार्यकर्ता से पैर धुलवाकर उसको पानी पिलवाया था. जिनकी पीएचडी की डिग्री पर भी फर्जी होने के आरोप हैं. बीजेपी का क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप 48 घंटे बैठने के बाद कम से कम कोई आरोप तो ढंग का लगाते. दानिश अली अभी इतना नहीं गिरा है कि देश के प्रधानमंत्री के बारे में कोई ऐसी टिप्पणी करे. हमारा वो चरित्र और संस्कार नहीं है. सच्चाई यह है, जो रिकॉर्ड पर है. जब रमेश बिधूड़ी प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार-तार कर रहे थे, जो सुनाई दे रहा है. उस पर मैंने ऑब्जेक्शन किया और कहा, प्रधानमंत्री जी के बारे में ऐसा कोई रेफरेंस, असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सभापति जी इसको रिकॉर्ड से निकालिए.


Next Story