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वरुण ने जिस विचाराधारा को अपनाया मैं उसे स्वीकार नहीं कर सकता: राहुल गांधी

jantaserishta.com
17 Jan 2023 10:00 AM GMT
वरुण ने जिस विचाराधारा को अपनाया मैं उसे स्वीकार नहीं कर सकता: राहुल गांधी
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| पिछले कुछ समय से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वरुण ने जिस विचाराधारा को अपनाया 'मैं उसे स्वीकार नहीं कर सकता।' उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने की अटकलें काफी तेज हैं। पिछले कुछ समय से वरुण गांधी बीजेपी की नीतियों पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे थे कि वरुण गांधी बीजेपी छोड़ सकते हैं। मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान होशियारपुर की प्रेसवार्ता में एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने वरुण गांधी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
राहुल गांधी ने कहा, वो बीजेपी में हैं। अगर वो भारत जोड़ो यात्रा में चलेंगे, उनको दिक्कत हो जायेगी। मेरी विधारचारा उनकी विचारधारा से नहीं मिलती है। मैं आरएसएस के ऑफिस में नहीं जा सकता, मेरा आपको गला काटना पड़ेगा। मेरा जो परिवार है उसकी एक विचारधारा, एक अलग सोचने का तरीका है.. और जो वरुण हैं उन्होंने उस विचाराधारा को अपनाया और अपना बनाया तो मैं उस बात को स्वीकार नहीं कर सकता।
हालांकि एक परिवार और वरुण के भाई होने की बात पर राहुल ने कहा, मैं वरुण से जरूर प्यार से मिल सकता हूं, गले लग सकता हूं मगर उस विचाराधारा को स्वीकार नहीं कर सकता। दोनों विचारधाओं की आपस में लड़ाई चल रही है। सालों पहले फिरोज ने मुझे कहा कि देखिए आरएसएस कितना अच्छा काम कर रही है तो मैंने कहा अगर आपने अपने परिवार का इतिहास पढ़ा होता तो आप ऐसा नहीं बोलते। परिवार के जो रिश्ते हैं वो अलग बात है। मैं ऐसी कोई नफरत नहीं करता वरुण से।
गौरतलब है कि मेनका गांधी साल 2004 में बीजेपी में जुड़ीं, जिसके बाद बेटे वरुण गांधी ने भी बीजेपी का दामन थामा। लेकिन वरुण गांधी ने साल 2009 में लोकसभा का पहला चुनाव पीलीभीत से लड़ा था। तब से अब तक वरुण गांधी का चुनावी मैदान मां मेनका गांधी की कार्यस्थली रही है।
लेकिन हाल में वरुण ने एक जनसभा में चौंकाने वाला संबोधन दिया था। उन्होंने कहा था, "न तो मैं नेहरू जी के खिलाफ हूं, ना ही कांग्रेस के खिलाफ हूं। हमारी राजनीति देश को आगे बढ़ाने के लिए होनी चाहिए न कि गृह युद्ध पैदा करने के लिए। आज जो लोग केवल धर्म और जाति के नाम पर वोट मांग रहे हैं, हमें उनसे ये पूछना चाहिए कि रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा का क्या हाल है।"
कई अन्य मौकों पर अपनी पार्टियों की नीतियों की खुले तौर पर आलोचना करने के बाद से तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। ये माना जा रहा है कि उनका बीजेपी से मोहभंग हो गया है।
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