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'क्या चर्चा होती है इसमें मेरी दिलचस्पी नहीं है' , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान

jantaserishta.com
25 Sep 2023 6:08 AM GMT
क्या चर्चा होती है इसमें मेरी दिलचस्पी नहीं है , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान
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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर सबको चौंका दिया. उन्होंने हरियाणा में देवीलाल की जयंती पर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के कार्यक्रम उस कार्यक्रम से दूरी बना ली, जिसमें विपक्ष के तमाम बड़े नेता शामिल होने वाले थे. इसके बजाय नीतीश कुमार पटना में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में शामिल होने पहुंच गए. ऐसे में नीतीश कुमार की NDA से नजदीकियों के कयास लगने लगे हैं. हालांकि, अब नीतीश कुमार ने NDA से नजदीकी के सवाल पर जवाब दिया है.
NDA के साथ नजदीकियों की खबरों पर नीतीश कुमार ने कहा, ''आपको पता है कि हमने विपक्षी गठबंधन को एकजुट किया. कौन क्या बोलता है हमें नहीं पता.'' हालांकि, जब उनसे देवीलाल की जयंती समारोह में शामिल नहीं होने को लेकर सवाल किया गया, तो नीतीश ने कुछ इस तरह से प्रतिक्रिया दी, जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं. हालांकि, इस पर मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि हरियाणा में आज कार्यक्रम है. इसके बाद नीतीश ने कहा कि कौन क्या बोलता है, इससे हमें मतलब नहीं, हम हर तरह से काम कर रहे हैं.
दरअसल, इंडियन नेशनल लोकदल ने चौधरी देवीलाल की जयंती पर कैथल में बड़ी रैली का आयोजन किया है. इसमें शामिल होने के लिए तमाम विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा गया है. इनेलो के इस रैली में तेजस्वी यादव, फारूख अब्दुल्ला, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के अलावा अन्य नेताओं के भी शामिल होने की बात कही जा रही है. इसे हरियाणा में विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.
इस कार्यक्रम में नीतीश को भी शामिल होना था. लेकिन नीतीश कुमार कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे. वे पटना में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे. नीतीश के इस कदम पर जेडीयू की प्रतिक्रिया भी आई है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार पुरखों का सम्मान करते हैं. दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार ने आज ही कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है जबकि बिहार में आमतौर पर कैबिनेट की बैठक मंगलवार को होती है.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय सन 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ के नेता रहे थे. भाजपा की स्थापना के समय से ही वह इसके वैचारिक मार्गदर्शक और नैतिक प्रेरणा-स्रोत रहे हैं. उनकी जयंती पर बीजेपी हर साल बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करती रही है. बीजेपी शासित राज्यों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कई योजनाएं संचालित होती हैं.
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