सांकेतिक तस्वीर
राजस्थान। राजस्थान के बाड़मेर में पुजारी का शव मंदिर में लटकता मिला. मृतक इसी मंदिर का पुजारी था. मौके से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें खुद को बदनाम करने की बात पुजारी ने लिखी है. पुलिस ने एक समाज के लोगों पर उसे बदनाम करने का आरोप लगाया है.
बाड़मेर जिले के समदड़ी कस्बे में हिंगलाज माता मंदिर के पुजारी भीमदास (55) का शव बुधवार सुबह मंदिर में ही फांसी के फंदे पर लटकता मिला. सुबह की आरती के बाद पुजारी मंदिर में रुका हुआ था. लोग मंदिर में दर्शन करने पहुंचे तो उनको पुजारी भीमदास पंखे के हुक से फंदे पर लटकता मिला. लोगों ने पुजारी को फंदे से उतारा और तुरंत ही अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन तब तक पुजारी की मौत हो चुकी थी. लोगों के मुताबिक घटना सुबह करीब 10 बजे की है. पुजारी द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबर से क्षेत्र में हंगामा मच गया. पुजारी के आत्महत्या किए जाने की जानकारी पुलिस की दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस को पुजारी का लिखा सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें लिखा है कि ''मैंने चोरी नहीं की है, मैं जीना चाहता हूं लेकिन खत्री समाज के लोग मुझे बदनाम कर रहे हैं.''
गौरतलब है कि 2 दिन पहले ही मंदिर में चोरी हुई थी. इस चोरी में अज्ञात चोर मंदिर से 7 किलो चांदी के अलावा मंदिर का चढ़ावा (कैश) लेकर चंपत हो गए थे. इस चोरी का आरोप पुजारी भीमदास पर लगाया जा रहा था. चोरी के संदेह पर पुलिस ने पुजारी से पूछताछ भी की थी. खुद की बदनामी की वजह से बुधवार को पुजारी ने मंदिर में ही आत्महत्या कर ली.
पिता की मौत होने पर पुजारी के बेटे और भाई ने समदड़ी कस्बे के खत्री समाज के लोगों और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बेटे ने कहा है कि मेरे पिता को परेशान किया जा रहा था. इसीलिए उन्होंने आत्महत्या की है. उनको परेशान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
पुजारी भीमदास ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि- '' मैं जीना चाहता हूं, लेकिन मुझे बदनाम किया जा रहा है...मैंने चोरी नहीं की है. जो भी चोर है आप उसका पता लगाना, मरते समय झूठ नहीं बोल रहा हूं, मेरे पीछे किसी को परेशान मत करना, मेरे बेटे 'मैं मरना नहीं चाहता हूं' लेकिन मुझे बदनाम कर दिया है.'' पुजारी ने अपने भाई का नाम जिक्र करते हुए लिखा है '' मैं चोर नहीं हूं, खत्री समाज मुझे बदनाम कर रहा है. मेरी मरने की वजह खत्री समाज है, पीछे परिवार का ध्यान रखना.''