भारत
हैदराबाद इलेक्शन रिजल्ट: ओवैसी के गढ़ में खिल गया कमल? शुरुआती रुझानों में बहुमत
jantaserishta.com
4 Dec 2020 5:46 AM GMT

x
फाइल फोटो
150 सीटों वाली ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में बीजेपी 88 सीटों पर आगे है. वहीं, 33 सीटों पर टीआरएस और 17 सीटों पर एआईएमआईएम आगे है.
हैदराबाद के लिए आज का दिन अहम है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव का आज नतीजा आना है। वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। यूं तो नगर निगम चुनाव बेहद स्थानीय स्तर के होते हैं लेकिन स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं लेकिन पहली बार ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव राष्ट्रीय अहमियत का हो गया है। शुरूआती रूझानों में बीजेपी ने तेजी से बढ़त बना ली है पहले डेढ़ घंटे की गिनती में बीजेपी रूझानों में 88 सीट जबकि टीआरएस 33 सीटों पर आगे हैं और ओवैसी की पार्टी17 सीटों के साथ रूझानों में तीसरे नंबर पर चल रही है।
यहां की 150 सीटों पर 1,122 प्रत्याशी मैदान में हैं। नगर निगम चुनाव इस बार बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के केंद्रीय नेतृत्व ने इस चुनाव में पूरा दमखम लगा दिया। मतदान बैलैट पेपर से हुआ, लिहाजा नतीजे आने में देर शाम हो जाएगी। काउंटिंग के लिए हैदराबाद में 30 सेटंर बनाए गए हैं। हर सेंटर पर 14 टेबल रखे गए हैं। इस बार चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। अब देखना है कि नतीजे में इसका असर दिखता है या नहीं।
यह चुनाव भले ही नगर निगम का हो, लेकिन जिस आक्रमकता से बीजेपी यहां चुनाव लड़ी है, उससे पूरे देश की निगाहें इस पर जमी हैं। देश के किसी भी नगर निगम चुनाव को बीजेपी ने पहली बार इतनी आक्रमकता से लड़ा। चुनाव प्रचार के लिए पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को छोड़ अपनी पूरी फौज उतार दी। चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह हैदराबाद पहुंचे। इसके अलावा पार्टी ने स्मृति इरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडनवीस सरीखे नेताओं को भी चुनाव प्रचार में उतारा।
बीजेपी इस चुनाव को तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव से सेमीफाइनल के तौर पर भी देख रही है। हालांकि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों में अभी काफी समय है। लेकिन उससे पहले बीजेपी अपनी स्थिति मजबूत करने के इरादे के साथ जुट गई है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। इस नगर निगम में हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मल्काजगिरि और संगारेड्डी समेत 4 जिले आते हैं। इस नगर निगम के अंदर 24 विधानसभा सीटें और 5 लोकसभा सीटें आती हैं।
दक्षिण भारत अभी भी बीजेपी के लिए मुश्किल चुनौती सरीखा बना हुआ है। एक कर्नाटक को छोड़ दें तो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल में बीजेपी का प्रभाव अधिक नहीं है। अपने दम पर बीजेपी खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी है। चुनावों में अन्य दलों के साथ गठबंधन करके ही बीजेपी कुछ सीटों पर जीत दर्ज कर पाती है। इसलिए GHMC के चुनाव में परचम लहराकर दक्षिण भारत के अभियान को मजबूत करना चाहती है।
पिछले दो साल में बीजेपी ने तेलंगाना में अपनी स्थिति बेहतर की है। 2018 के विधानसभा चुनाव में महज एक सीट पाने वाली बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में चार सीटों पर कब्जा जमा लिया। इसके साथ ही कई सीटों पर पहले से बेहतर स्थिति रही। TRS पर भ्रष्टाचार और वंशवाद के आरोपों के साथ ही ओवैसी की AIMIM की स्थिति भी हैदराबाद से बाहर मजबूत नहीं है। ऐसे में बीजेपी सही मौके का फायदा उठाते हुए जड़ें जमाना चाहती है।

jantaserishta.com
Next Story