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आग लगने से झोपड़ी हुई राख, परिवार के सात लोग जिंदा जले
jantaserishta.com
21 April 2022 2:03 AM GMT
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लुधियाना: चंद रुपये कमाने के लिए गांव में अपना सब कुछ छोड़ कर महानगर में बसे सुरेश साहनी को क्या पता था कि जिस परिवार के लिए वह सब कुछ छोड़ कर यहां रहने के लिए आया है एक दिन उसके परिवार को ऐसी मौत आएगी। राजेश के सामने आधे घंटे में तड़प तड़प कर सारा परिवार जलकर खत्म हो गया। राजेश ने रोते हुए कहा कि उसके सामने उसकी सारी दुनिया उजड़ गई और वह कुछ कर नहीं पाया।
बता दें कि लुधियाना के टिब्बा रोड की मक्कड़ कॉलोनी स्थित कूड़े के डंप के बीचों बीच बनी एक झुग्गी में मंगलवार देर रात अचानक आग लग गई। इस हादसे में एक ही परिवार के पांच बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई। पूरे परिवार में एक ही युवक बचा है जो अपने दोस्त के घर सोने चला गया था। मृतकों में सुरेश साहनी (52), उसकी पत्नी अरुणा देवी (52), बेटी राखी (15), मनीषा (10), गीता (8), चंदा (5) और दो साल का बेटा सन्नी शामिल हैं। पुलिस इस मामले को संदिग्ध मान कर भी जांच करने में जुटी है कि कहीं आग किसी ने तो नहीं लगाई?
राजेश ने कहा कि उसके माता पिता और बहनों के साथ दो साल का छोटा भाई तड़प तड़पकर मर गए वह कुछ नहीं कर सका। उसे सारी जिंदगी इस बात का मलाल रहेगा कि जिस परिवार ने उसे इतना बड़ा किया वह उस परिवार के काम भी नहीं आ सका। राजेश ने बताया कि उसका परिवार ही उसका सहारा था जो अब नहीं रहा। वह कहां रहेगा, खाना कहां से खाएगा। पूरा इलाका उसे सांत्वना देने में लगा था। इलाके के लोग भी यही बता रहे थे कि सुरेश इतने शरीफ थे कि उन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं था। पूरा परिवार अपने काम से काम रखता था। सभी से अच्छा व्यवहार था, लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था।
लोग बताते हैं कि रात एक बजे अचानक से झुग्गी में आग लगी। अंदर सो रहे सुरेश साहनी और उसके पारिवारिक सदस्यों को आग लगने का पता नहीं चला। जब तक उनके चीखने की आवाज आई आग पूरी तरह से फैल चुकी थी। सभी लोग चीखने की आवाज सुन बाहर आए। जब आग बुझाई गई तो शव नीचे पड़े थे और एक दूसरे के साथ चिपके पड़े थे। इससे आशंका जताई गई कि खुद को बचाने के चक्कर में पारिवारिक सदस्यों ने एक दूसरे को पकड़ लिया या फिर एक दूसरे के साथ लिपट गए।
देर रात को जब आग लगी तो एकदम से अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। सभी लोग अपनी झुग्गी को बंद कर सोते हैं। जब जल्दबाजी में झुग्गी नहीं खुली तो कई लोगों ने एक दूसरे की झुग्गी को तोड़कर सभी लोगों को बाहर निकाला। एक महिला ने बताया कि वह अंदर ही फंस गई थी, लेकिन किसी तरह से झुग्गी तोड़कर अपने बच्चों को निकाला फिर खुद बाहर निकल वहां से भागे ताकि आग न फैल जाए।
घटना के बाद मौके पर पहुंची लुधियाना की डीसी सुरभि मालिक ने शवों के पोस्टमार्टम जल्द से जल्द करवाने के आदेश जारी किए। इसके बाद थाना टिब्बा की पुलिस ने तुरंत कागजात पूरे कर अस्पताल से शवों का पोस्टमार्टम करवा दोपहर करीब एक बजे दाह संस्कार करवा दिया। जिसने भी यह मंजर देखा उसकी रूह कांप गई। शहर में इस तरह का यह पहला हादसा हुआ जिसमें परिवार जिंदा जल गया। शमशानघाट में दाह संस्कार के दौरान बिलखते हुए राजेश अपने दोस्त के गले लग गया और बोला कि वह अनाथ हो गया। उसका पूरा परिवार चला गया, उसका जीने का मकसद ही खत्म हो गया।
अकेली एक झुग्गी में आग लगने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह एक हादसा है तो कुछ यह कहने से भी गुरेज नहीं कर रहे कि हो सकता है किसी ने आग लगा दी हो। अगर इलाके के लोगों पर विश्वास किया जाए तो सुरेश साहनी के परिवार का किसी के साथ कोई वैर विरोध नहीं था। मगर कुछ लोग कहते हैं कि उसके काम धंधे से कई लोगों को परेशानी थी। इस कारण हो सकता है कि किसी ने झुग्गी जलाने की कोशिश की हो, लेकिन आग ज्यादा फैल गई और परिवार अंदर ही जिंदा जल गया।
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