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प्रेमी के साथ मिलकर पति का रस्सी से घोंट दिया गला, मामले में पुलिस ने किया खुलासा
jantaserishta.com
18 April 2022 3:36 PM GMT
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अलीगढ़ शहर के क्वार्सी थाना क्षेत्र के एटा चुंगी के पास छह अप्रैल को नाले में मिले ताला कारीगर के शव की हत्या के संबंध में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। ताला कारीगर की हत्या उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने सोमवार को दोनों को जेल भेज दिया। इनसे हत्या में प्रयुक्त रस्सी और साइकिल को भी बरामद कर लिया गया है।
एटा चुंगी के पास नाले छह अप्रैल को शव मिला था। सूचना पर थाना पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने इलाके में छानबीन की तो शव की शिनाख्त चंद्रपाल निवासी ग्राम बहलोलपुर, छतारी, बुलंदशहर के तौर पर हुई। वह अलीगढ़ में रावण टीला स्थित एक किराए के मकान में पत्नी चांदनी व दो बच्चों के साथ रहता था।
क्वार्सी इंस्पेक्टर विजय सिंह ने बताया कि चांदनी ने ही शव की शिनाख्त की थी। उसने हत्या का मुकदमा भी अज्ञात पर दर्ज कराया था। पुलिस ने छानबीन के दौरान चांदनी के मोबाइल को सर्विलांस पर लिया और उसके कॉल डिटेल निकलवाए। इससे पता लगा कि वह एक नंबर पर लगातार बात करती थी। उक्त नंबर की पड़ताल की गई तो पता लगा कि वह कैलाश उर्फ भोले पुत्र अशोक कुमार निवासी गनियावली, अतरौली का निकला, जो कि महुआखेड़ा में जितेंद्र यादव के घर में किराए पर रहता था।
पुलिस ने इसको हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। कॉल डिटेल के साक्ष्य पेश किए। इस पर वह टूट गया। कैलाश ने बताया कि वह चंद्रपाल के साथ ताला फैक्ट्री में काम करता था। उससे दोस्ती होने के बाद घर जाना आना हो गया। इसी दौरान चांदनी से प्रेम प्रसंग हो गया। इसकी भनक चंद्रपाल को हो गई। वह विरोध करने लगा।
इधर, चांदनी और उसने कोर्ट मैरिज का मन बना लिया था। इसी के चलते चंद्रपाल को रास्ते से हटाने के लिए उसकी रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर शव को साइकिल पर रखकर ले गए और नाले में फेंक दिया था। इंस्पेक्टर के मुताबिक दोनों को सुसंगत धाराओं में पाबंद कर जेल भेज दिया है।
दोस्ती ने दोस्ती और पत्नी ने सात जन्मों का घोंटा गला
इस घटना के खुलासे ने पुलिस को भी हिलाकर रख दिया। पुलिस भी पत्नी की करतूत पर हैरान रह गई। जिस महिला ने चंद्रपाल के साथ सात जन्मों तक जीने मरने की कसमें खाई थीं। उसी ने अपने हाथों से न सिर्फ चंद्रपाल बल्कि उनका सात जन्मों के रिश्ते का भी गला घोंट दिया।
इधर, चंद्रपाल जिस कैलाश को अपना दोस्त मानता था। उस पर वह बहुत विश्वास करता था। कैलाश की शादी नहीं हुई थी। महुआखेड़ा में किराए के मकान में अकेला रहता था। उसे खाने-पीने को लेकर बहुत दिक्कतें होतीं थीं। इस पर चंद्रपाल उसे अपने घर से खाना ले जाकर खिलाता था। जब भी छुट्टी पर होता तो उसे घर पर बुलाकर खाना खिलाता था। मगर, चंद्रपाल का यह दोस्ती के प्रति विश्वास ही उसकी जान का दुश्मन बन गया।
बच्चों को हुई नफरत, बोले फांसी दे दो मां को
चंद्रपाल के दो बच्चे हैं। बड़े बेटे की उम्र 14 साल की है। छोटी बेटी की उम्र दस साल की है। जब बच्चों को अपनी मां द्वारा ही पिता की हत्या करने के बारे में पता लगा तो उन्होंने पुलिस के समक्ष साफ तौर पर कहा कि मां को फांसी पर लटका दो। पिता बहुत अच्छे थे। बहुत प्यार करते थे। साथ ही जिस कैलाश को वह चाचा-चाचा कहते नहीं थकते थे। उसे नफरत भरी निगाहों से देखने लगे।
हत्या कर साइकिल पर 500 मीटर तक घुमाया शव
पुलिस पूछताछ में हत्यारोपी चांदनी और उसके प्रेमी कैलाश ने बताया कि चंद्रपाल की हत्या करने के बाद उसे साइकिल पर बैठाया। इसके बाद शव को ठिकाने लगाने की जगह तलाशने लगे। इस दौरान शव को 500 मीटर तक इधर-उधर घुमाते रहे। इसके बाद सुनसान स्थान देख शव को नाले में फेंक दिया।
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