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पति और पत्नी गए जेल, बच्चे की लालसा में उठाया ये कदम

jantaserishta.com
8 Nov 2022 6:10 AM GMT
पति और पत्नी गए जेल, बच्चे की लालसा में उठाया ये कदम
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान | DEMO PIC 

मजदूर के दुधमुंहे बेटे का अपहरण करने वाली महिला और उसके पति को गिरफ्तार किया गया है।
लखनऊ: लखनऊ में सुनी गोद भरने के लिए मजदूर के दुधमुंहे बेटे का अपहरण करने वाली महिला और उसके पति को गिरफ्तार किया गया है। गौतमपल्ली पुलिस ने आरोपी महिला के पास से बच्चे को बरामद कर परिवार के सुपुर्द किया है। आरोपियों ने बच्चे की लालसा और पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा पाने के लिए अपहरण की वारदात को अंजाम दिया था।
एडीसीपी मध्य राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि जियामऊ निवासी राजू यादव के बेटे ऋषि को परिचित कन्हैया लाल घर से अगवा कर ले गया था। सूचना मिलने पर इंस्पेक्टर गौतमपल्ली सुधीर कुमार अवस्थी ने कन्हैयालाल को हिरासत में लिया था। जिससे पूछताछ की जा रही थी। नशे में धुत कन्हैया ने बच्चे को पत्नी को देने की बात कही थी। जिसके आधार पर महिला को पुलिस तलाश रही थी। कन्हैया कोई जानकारी नहीं दे रहा था। ऐसी स्थिति में उसके मोबाइल नम्बर की कॉल डिटेल खंगाली गई। अलग-अलग टीमों को सीसी फुटेज खंगालने का जिम्मा सौंपा गया।
इंस्पेक्टर ने खुद एक टीम के साथ कन्हैयालाल की पत्नी को तलाशने का जिम्मा संभाला। मोबाइल फोन के जरिए महिला की लोकेशन मवैया में मिली। इंस्पेक्टर ने बताया कि कन्हैयालाल की पत्नी आशा देवी उर्फ चांदनी के पास से अगवा किए गए ऋषि को मुक्त कराया गया है।
कन्हैयालाल शराब पीने का आदी है। पहली पत्नी की मौत के बाद उसने आशा देवी उर्फ चांदनी से शादी की थी। मूलत बहराइच निवासी कन्हैया को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा चाहिए थे। पर, उसकी आदतों के कारण परिवार वालों ने सम्पत्ति बच्चे के नाम करने की बात कही थी। आशा के मुताबिक उनके संतान नहीं हो रही थी। इस बात को लेकर परेशान थे। कन्हैया के वजीर हसन रोड स्थित मकान के पास ही राजू यादव की पत्नी प्रीति का मायका था। सात माह पूर्व प्रीति ने बेटे को जन्म दिया था। उसी वक्त आशा ने बच्चे की फोटो मोबाइल में खींच ली थी। जिसे रिश्तेदारों को भेज कर बताया था कि उसे बेटा हुआ है। आशा के अनुसार वह और कन्हैया काफी दिनों से ऋषि का अपहरण करने की योजना बना रहे थे। शनिवार की शाम को कन्हैया मजदूर के घर पहुंचा था। उस वक्त प्रीति अकेले थी। मौका पाकर कन्हैया ने बच्चे का अपहरण कर लिया था। जिसके बाद मासूम को पत्नी आशा देवी को सौंपा था।
दुधमुंहे बेटे का अपहरण होने के बाद से ही प्रीति और राजू बेचैन थे। डर था कि ऋषि के साथ कन्हैयालाल को अनहोनी न कर दें। पुलिस को सूचना देने के साथ ही वह लोग लगातार बच्चे को तलाशने के लिए गुहार लगा रहे थे। इंस्पेक्टर सुधीर ने बताया कि ऋषि को तलाशने के लिए आठ टीमें लगाई गई थीं। कन्हैया के पकड़े जाने के बाद भी बच्चे का पता नहीं चला था। इसलिए पुलिस भी चिंता में पड़ गई थी। किसी तरह से कन्हैया की पत्नी के ठिकाने से बच्चे के सकुशल मिलने पर पुलिस ने राहत की सांस ली। वहीं, ऋषि के सकुशल होने की खबर मिलते ही राजू और प्रीति गौतमपल्ली थाने पहुंच गए। बेटे को देखते ही प्रीति उसकी नजर उतारने लगी। वहीं, राजू हाथ जोड़ कर खड़ा हो गया...उसकी आंखे भर आईं।
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