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अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान नरसिंह की चौथी जलेब में सैकड़ों लोग हुए शामिल

Deepa Sahu
19 Oct 2021 2:36 PM GMT
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान नरसिंह की चौथी जलेब में सैकड़ों लोग हुए शामिल
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अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के पांचवें दिन मंगलवार को भगवान नरसिंह की चौथी जलेब निकली।

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के पांचवें दिन मंगलवार को भगवान नरसिंह की चौथी जलेब निकली। ढोल-नगाड़े व वाद्ययंत्रों सहित निकली जलेब में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। एक किलोमीटर की परिधि तक निकलने वाली जलेब का शुभारंभ ढालपुर स्थित राजा की चानणी से हुआ। भव्य जलेब यात्रा उपायुक्त कार्यालय, जिला अस्पताल तथा कलाकेंद्र होकर शाही अंदाज में निकली। अलौकिक और आकर्षक जलेब में जिला कुल्लू के बाह्य सराज आनी के पांच देवताओं ने शोभा बढ़ाई। इस दौरान देवताओं के देवलुओं के साथ महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। ढोल-नगाड़ों, करनाल, नरसिंगों व शहनाई की स्वरलहरियों के बीच देवरथों के साथ देवता के सैकड़ों कारकून, हारियानों व देवलू पहाड़ी गीतों पर जमकर नाचे।

जलेब यात्रा में सबसे आगे भगवान नरसिंह की घोड़ी तथा पीछे देवताओं के रथ, भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार थे। शाही जलेब यात्रा में देवता खुडीजल, ब्यास ऋषि, कोट पझारी, टकरासी नाग तथा चोतरू नाग के साथ उनके सैकड़ों देवलुओं ने भाग लिया। दशहरा उत्सव की अंतिम जलेब दशहरा उत्सव के छठे दिन मोहल्ला के बाद निकलेगी। देवता खुडीजल के कारदार शेर सिंह ठाकुर, कारदार भागे राम राणा, कारदार इंद्र सिंह तथा पुजारी रूप लाल शर्मा ने कहा कि बाह्य सराज के देवता हर साल दशहरा की जलेब में भाग लेते हैं। सदियों पुरानी चल रही परंपरा का निर्वहन किया जाता है। जलेब के माध्यम से ढालपुर में रक्षासूत्र बांधा जाता है।
भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी भरेंगे देवी-देवता
वहीं, ढालपुर में देवी-देवताओं का महाकुंभ अब समाप्ति की ओर है। दशहरा के मौके पर छठे दिन बुधवार को मौहल्ला उत्सव होगा। मौहल्ला में भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर में देवता हाजिरी भरेंगे। इसके बाद राजा की चानणी के पास भी जाएंगे। दशहरा में आए हुए सभी देवता बुधवार को अपने शिविरों से बाहर निकलेेंगे। दोपहर बाद ढालपुर मैदान ढोल-नगाड़ों की स्वरलहरियों से गूंज उठेगा। इस दौरान देवताओं का भव्य देवमिलन भी होगा। गौर रहे कि दशहरा में पहले दिन हुई रथयात्रा के बाद अधिकतर देवता अपने अस्थायी शिविरों में ही बैठे हुए हैं। ऐसे में देवता मौहल्ला के दिन फिर से अस्थायी शिविरों से बाहर आएंगे।
दशहरा में रथयात्रा और मौहल्ला के दिन काफी चहल-पहल रहती है। देवी-देवताओं के भव्य देवमिलन के नजारे को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। वीरवार को लंका दहन के साथदशहरा का समापन होगा। ऐसे में कुल्लू में आए सभी देवता भगवान रघुनाथ को लंका पर चढ़ाई से पहले शक्तियां प्रदान करेंगे। मौहल्ला के मौके पर लोगों की ओर से पशुधन की पूजा की जाएगी। पशुधन की अखरोट, भुने हुए गेहूं, फूलमालाओं के साथ पूजा की जाएगी। इस संबंध में जिला देवी-देवता कारदार संघ के पूर्व अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि मौहल्ला के दिन देवी-देवताओं का भव्य देवमिलन होगा।
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