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ड्रोन के जरिए मानव अंगों को पहुंचाया जाएगा अस्पताल, जानें इनके बारे में...

jantaserishta.com
7 Sep 2022 9:42 AM GMT
ड्रोन के जरिए मानव अंगों को पहुंचाया जाएगा अस्पताल, जानें इनके बारे में...
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | फाइल फोटो

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Central Road Transport and Highways) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने भारत में मानव अंगों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए ड्रोन के प्रोटोटाइप का अनावरण किया. इस प्रोटोटाइप का उद्देश्य अंगों के ट्रांसपोर्टेशन में क्रांति लाना है. इसके जरिए इन अंगों को अस्पतालों में जल्द पहुंचाने में मदद मिलेगी.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा की पीएम मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में, न केवल व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि जीवन बचाने और स्वास्थ्य सेवा में सुधार में भी बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी महत्व मिला है. शनिवार को नई दिल्ली से प्रोटोटाइप को लॉन्च करते हुए गडकरी ने कहा कि अंगों के बिना रुकावट परिवहन के महत्व को समझते हुए, हमें इस तरह के इनोवेशन की आवश्यकता होगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बेहतर भूमि और हवाई संपर्क के माध्यम से मानव अंग ट्रांसपोर्टेशन के लिए सप्लाई के मुद्दे को हल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana) जैसे बुनियादी ढांचे और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सुधार के लिए पहले ही उपाय शुरू कर दिए हैं.
ड्रोन टेक्नोलॉजी के प्रोटोटाइप को डेवलप करने में शामिल रहे एमजीएम हेल्थकेयर (MGM Healthcare) के निदेशक डॉ. प्रशांत राजगोपालन ने कहा कि फिलहाल ड्रोन का इस्तेमाल ऑर्गन वाले बॉक्स को 20 किलोमीटर की दूरी तक ले जाने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एमजीएम हेल्थकेयर ने अंगों को ट्रांसप्लांट करने के लिए एक ड्रोन कंपनी के साथ करार किया है.
गडकरी ने एमजीएम हेल्थकेयर के इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांटेशन के निदेशक डॉ केआर बालकृष्णन और उनकी टीम को 500 से अधिक हृदय और लिवर ट्रान्सप्लांट करने के लिए सम्मानित किया. गडकरी ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल हमें गर्व की भावना देती है, बल्कि भारत को एक महान स्थान पर रखती है.
गौरतलब है कि इस काम के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करने से हवाई अड्डे से अस्पताल तक ह्यूमन ऑर्गन को ले जाने में काफी कम समय लगेगा, लेकिन अभी हवाई अड्डे से सड़क मार्ग के जरिये अंगों को ले जाने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है.गडकरी ने कहा कि यह ह्यूमन ऑर्गन के ट्रांसपोर्ट की समस्या को हल करने के लिए एक बहुत ही नई सोच है.
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