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OMG! सात महीने के बच्चे के पेट में...डॉक्टर्स रह गए सन्न, ऐसे बचाई जान

jantaserishta.com
21 Aug 2024 3:56 AM GMT
OMG! सात महीने के बच्चे के पेट में...डॉक्टर्स रह गए सन्न, ऐसे बचाई जान
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सांकेतिक तस्वीर

आश्चर्यजनक.
देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून में एक आश्चर्यजनक मामला सामने आया, जिसमें सात महीने के एक बच्चे (शिशु) के पेट में मानव भ्रूण उत्पन्न हो गया। बच्चे के लगातार बढ़ते पेट को देख परिजन हैरान थे,जब उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो उसके पेट में भ्रूण होने का पता चला। जिसके बाद डॉक्टर्स ने ऑपरेशन के जरिए उसे बाहर निकाल दिया। डॉक्टर्स का कहना है कि चिकित्सा विज्ञान में इसे ‘फीटस-इन-फीटू’ कहा जाता है, जो कई लाख शिशुओं में एक को होता है।
देहरादून के स्वामी राम हिमालयन मेडिकल कॉलेज, जौलीग्रांट के बाल शल्य चिकित्सक डॉक्टर संतोष सिंह ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 7 महीने के शिशु का पेट अचानक बढ़ने पर उसके परिजन उसे लेकर यहां आए थे। शुरू में हमें बच्चे के पेट में किसी असामान्य गांठ होने का शक हुआ, लेकिन जब एक्स-रे किया गया तो शिशु के पेट में एक मानव भ्रूण होने की बात पता चली। जिसके बाद बच्चे के माता-पिता को इस बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने के बाद डॉक्टर्स ने ऑपरेशन की योजना बनाई।
डॉक्टर सिंह ने बताया कि इसके बाद पिछले सप्ताह ऑपरेशन कर भ्रूण को बाहर निकाल दिया गया और पीड़ित शिशु अब पूरी तरह स्वस्थ है। ऑपरेशन के चार दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी देकर घर भी भेज दिया गया। डॉक्टर ने बताया कि यह एक ऐसा रोग है, जिसे चिकित्सा विज्ञान में फीटस-इन-फीटू कहा जाता है। जो कई लाख शिशुओं में किसी एक को हो सकता है। पीड़ित शिशु और उसके परिवार की पहचान सामाजिक कारणों से गुप्त रखी गई है।
डॉक्टर संतोष ने ऐसा होने की वजह बताते हुए कहा कि फीटस-इन-फीटू मानव भ्रूण-विकास की एक अत्यंत जटिल व असामान्य घटना है। इसमें भ्रूण विकास के समय किसी अनजान वजह से एक भ्रूण दूसरे भ्रूण के अन्दर ही विकसित होने लगता है, बिल्कुल परजीवी की तरह। अल्ट्रासाउंड के जरिए इसका पता मां के गर्भ में भी लगाया जा सकता है, हालांकि अधिकतर मामलों में इसका पता जन्म के बाद ही लगता है।
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