
सोलन। अंबाला से सवारियां लेकर आ रही परवाणू डिपो की बस में रूटीन चैकिंग के दौरान फ्लाइंग स्क्वाड की टीम ने कंडक्टर की चोरी पकड़ी है। इसमें कंडक्टर ने 45 सवारियों को नकली टिकटें देकर 4500 रुपए का चूना लगाया था। टीम ने मामला पकड़ने के बाद अगली कार्रवाई के लिए इसे आरएम परवाणू को …
सोलन। अंबाला से सवारियां लेकर आ रही परवाणू डिपो की बस में रूटीन चैकिंग के दौरान फ्लाइंग स्क्वाड की टीम ने कंडक्टर की चोरी पकड़ी है। इसमें कंडक्टर ने 45 सवारियों को नकली टिकटें देकर 4500 रुपए का चूना लगाया था। टीम ने मामला पकड़ने के बाद अगली कार्रवाई के लिए इसे आरएम परवाणू को भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक आरएम सोलन (फ्लाइंग) सुरेंद्र राजपूत की अगुवाई में गठित टीम सोमवार शाम को रूटीन चैकिंग पर थी। इस दौरान अंबाला से बद्दी आ रही एचआरटीसी परवाणू डिपो की बस को पिंजौर में चैकिंग के लिए रोका। बस में बैठी सवारियों की टिकटों की जांच करने पर टीम के पैरों तले जमीन खिसक गई। इस बस में 70 सवारियां सफर कर रही थीं। सभी के पास टिकटें थीं, लेकिन 45 सवारियां ऐसी थीं, जिनके पास मौजूद टिकटें नकली थीं। इस प्रकार 45 सवारियों के किराए का पैसा 4500 रुपए कंडक्टर की जेब में गए और एचआरटीसी को सीधी चपत लगी।
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम ने छोटी-मोटी अनियमितताओं को रोकने व सारे कार्य को पारदर्शी बनाने के लिए टिकट काटने के लिए इलैक्ट्रानिक बस टिकटिंग मशीन (ई-बीटीएम) को इस्तेमाल में लाया लेकिन शातिर दिमाग इससे भी आगे निकल गया। अब यह शातिर दिमाग मशीन को भी चकमा दे रहे हैं। इसी का नमूना यहां देखने को मिला। शायद यही कारण है कि निगम घाटे से नहीं उबर पा रहा है क्योंकि बसें तो खूब चल रही हैं, सवारियां भी हैं पर आय के नाम पर हर बार घाटा ही दर्शाया जाता है। आरएम सोलन ने इस मामले की रिपोर्ट तैयार कर आगामी कार्रवाई के लिए आरएम परवाणू को मामला अग्रेषित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार असली टिकट जो ई-बीटीएम मशीन से निकलती है उस पर चढ़ने व उतरने वाले स्टेशन के नाम प्रिंट होते हैं। फेक टिकट पर स्टेशन का नाम प्रिंट नहीं होता। जब मशीन से परिचालक कलैक्शन रिपोर्ट निकालता है तो उसके बाद एक ऑप्शन प्रैस करने पर टिकट का खाली कागज बाहर निकलता है, जिस पर अमाऊंट प्रिंट किया जा सकता है लेकिन उसमें स्टेशन का नाम नहीं होता और उसकी कोई भी एंट्री मशीन में नहीं होती। उपभोक्ता समझ नहीं पाता कि यह टिकट नकली है। ऐसा ही कारनामा इस बस कंडक्टर ने भी किया और 45 सवारियों को धोखा देकर एचआरटीसी को चूना लगाया। आरएम एचआरटीसी (फ्लाइंग) सोलन सुरेंद्र राजपूत ने बताया कि परवाणू डिपो की बस में फेक टिकट बनाने व 4500 रुपए की चपत लगाने का मामला सोमवार शाम को सामने आया है। कार्रवाई के लिए संबंधित डिपो के आरएम को रिपोर्ट सौंपी गई है। उपभोक्ता नकली टिकट के प्रति सावधान रहें। इस पर स्टेशन का नाम अंकित नहीं होता। यदि इस तरह का टिकट मिले और गड़बड़ी की आशंका हो तो बस में ही अंकित आरएम के नंबर पर संपर्क कर शिकायत करें। इसके अलावा टिकट की जांच के लिए फोटो खींचकर उसी नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेज सकते हैं, जिसकी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
