
देश में आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। यह खास दिन देश के उन वीरों को समर्पित है, जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों के कब्जे से कारगिल की ऊंची चोटियों को आजाद कराया था। तकरीबन 60 दिनों तक चले इस युद्ध में 2 लाख भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था। पाकिस्तान के नापाक साजिशों को चकनाचूर करते हुए देश के 527 जवान शहीद हो गए थे।
मुशर्रफ थे करगिल युद्ध के मास्टरमाइंड
कारगिल युद्ध को लेकर एक सवाल जो अक्सर पूछे जाते हैं कि आखिर पाकिस्तान सेना के पूर्व जनरल और पूर्व प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ (General Pervez Musharraf) की क्या भूमिका थी? दरअसल, परवेज मुशर्रफ को करगिल युद्ध की साजिश रचने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके कैबिनेट तक को लड़ाई के प्लान की जानकारी नहीं थी। युद्ध के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यहां तक कहा था कि यह ऑपरेशन (युद्ध) उनकी जानकारी के बिना चलाई गई थी। साल 2018 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने खुलासा किया था कि उन्हें परवेज मुशर्फ ने अपनी योजनाओं की जानकारी नहीं दी और उन्हें अंधेरे में रखा।
हालांकि, परवेज मुशर्रफ ने अपनी जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर - अ मेमॉयर' में लिखा है कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी। लेकिन नवाज शरीफ की वजह से उनका सपना अधूरा रह गया।
मुशर्रफ ने दिया था पाकिस्तानी सेना को भारत में घुसपैठ का आदेश
परवेज मुशर्रफ ही युद्ध के प्रमुख रणनीतिकार थे। उन्होंने ही करगिल जिले में गुप्त घुसपैठ का आदेश दिया था। परवेज मुशर्रफ के अलावा, लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान, लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद और मेजर जनरल जावेद हसन की भी युद्ध में अहम भूमिका थी।
