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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आ रहे हैं। इस मौके पर 100 से ज्यादा कमांडो उनकी सुरक्षा करेंगे। पीएम मोदी पुलिस लाइन से फुली बुलेटप्रुफ और अत्याधुनिक हथियारों से लैस, इशारा मिलते ही हुक्म की तरह फायर करने वाली (आर्डेन) कार में सवार होंगे, दूसरी कार में पीएम की डमी होगी। उनके काफिले में 9 अतिरिक्त लक्जरी कार, एक एम्बुलेंस सहित जैमर वैन शामिल रहेंगे।
पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी ) की होती है, लेकिन किसी राज्य के दौरे में राज्य पुलिस की जिम्मेदारी बन जाती है। पीएम यात्रा की तैयारी और सुरक्षा में गृहमंत्री, डीजीपी और मुख्य सचिव प्लान बना एसपीजी को जानकारी पहुंचा रहे हैँ। सुरक्षा प्लान पर एसपीजी मंजूरी देगा।
1.17 करोड़ रु. प्रति दिन का खर्च
एसपीजी सिर्फ पीएम की सुरक्षा के लिए होती है। 1988 में स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट बनाई। दो बार बदलाव के बाद इस एक्ट के तहत पूर्व प्रधानमंत्री के परिजनों को भी 10 साल सुरक्षा दी जाती थी।
2003 में पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें संशोधन कर पद छोडऩे के एक साल बाद तक कर दी। बाद में मनमोहन सरकार ने संशोधन किए। यह सुरक्षा वर्ष 2020 तक सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी को भी थी।
तब एसपीजी का सालाना बजट 540 करोड़ रु. था। 2021-22 में बजट घटा 429 करोड रुपए कर दिया गया और यह सुरक्षा सिर्फ पीएम को दी जाने लगी। अब 9 हजार रु. प्रति मिनट यानी 1.17 करोड़ प्रतिदिन खर्च होते हैं।
अमेरिका में सीक्रेट ट्रेनिंग… हाइटेक आर्म्स
एसपीजी के जवान अमेरिका की सीक्रेट सर्विस गाइडलाइन की ट्रेनिंग लिए होते हैं।
इनके पास एफएन -57 हैंडगन, जिसकी रेंज 50 मीटर और 20 राउण्ड फायर करने की क्षमता होती है।
एफएन 2000 असाल्ट राइफल 500 मीटर दूरी के शिकार को खत्म करने के साथ 30 राउण्ड फायर कर सकती है।
तीसरा हथियार एफएन पी 90 है यह 200 मीटर तक 50 राउण्ड एक बार में फायर कर सकती है।
ऑटोमैटिक गन, और 17 एम रिवाल्वर।
कमांडों की आंखों पर चश्मा और पैर में जूते अत्याधुनिक होने के साथ सूट भी बुलेट प्रुफ होता है।
कमांडो की संख्या निश्चत नहीं होती है खतरे की आशंका को देखते हुए सख्या बढ़ा सकते हैं।
इमरजेंसी में वैकल्पिक रास्ता भी, डमी कार भी रहती है मौजूद
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