भारत

WHO के दावे में कितनी सच्चाई! भारत में कोरोना के कहर से कितनी मौतें? फार्मा कंपनियों की साजिश तो नहीं

jantaserishta.com
11 May 2022 4:32 AM GMT
WHO के दावे में कितनी सच्चाई! भारत में कोरोना के कहर से कितनी मौतें? फार्मा कंपनियों की साजिश तो नहीं
x
DEMO PIC

नई दिल्ली: भारत में कोरोना से कितनी मौतें (Death from Corona in India) हुईं इसको लेकर घमासान मचा हुआ है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के बाद विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार को घेर रही हैं. सरकार इस पक्ष को भी नहीं नकार रही है कि इस पूरे विवाद की जड़ फार्मा कंपनियां हो सकती हैं. सरकार मानती है कि कोरोना काल में वैक्सीन बनाने वाली जिन फार्मा कंपनियों को भारत ने अपने बाजार में एंट्री नहीं दी, उन्होंने WHO के कान भरे हैं.

बता दें कि कोरोना से मौतों को लेकर सारा विवाद आंकड़ों का है. भारत सरकार का कहना है कि कोविड की वजह से देश में जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक 4.8 लाख मौतें हुई हैं. लेकिन WHO की एक रिपोर्ट का कहना है कि भारत में कोरोना से 4.7 मिलियन (करीब 40 लाख) मौत हुई हैं. यह आंकड़ा सरकार के आंकड़े से 10 गुना है, इसलिए इसपर विवाद हो गया है.
सरकारी सूत्र WHO की इस रिपोर्ट को गलत ढंग से तैयार की गई बताया है. यह भी कहा गया है कि इस रिपोर्ट को पहले नवंबर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले जारी करने का प्लान था.
बता दें कि मार्च में पंजाब, गोवा, उत्तर प्रदेश, मणिपुर और उत्तराखंड में चुनाव हुए थे और नवंबर के आसपास चुनावी माहौल सेट हो चुका था. सूत्र का कहना है कि ऐसा करके मौजूदा सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जानी थी.
अब जब पांच मई को रिपोर्ट आई है तो भारत सरकार ने WHO द्वारा सर्वे के लिए चुने गए तरीके पर सवाल उठाए हैं. लेकिन इस बीच राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने केंद्र को घेर लिया है.
सूत्र के मुताबिक, WHO ने नवंबर 2021 से मई 2022 तक मौत के आंकड़े में कई संशोधन किये जबकि भारत की तरफ से इसपर आपत्ति जताई जा रही थी. इस बीच WHO को हेल्थ मिनिस्ट्री की तरह से 9 पत्र भेजे गए थे. बावजूद इसके रिपोर्ट रिलीज की गई.
बताया जा रहा है कि सरकार को पिछले साल अक्टूबर में ही इसकी भनक लग गई थी कि WHO संदिग्ध कार्यप्रणाली के साथ एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है.
फिलहाल WHO की रिपोर्ट के खिलाफ सरकार अटैकिंग मोड में है. पिछले दिनों गुजरात में हेल्थ मिनिस्टर एक चिंतन शिविर में शामिल हुए थे. इसमें लगभग सभी राज्यों के हेल्थ मिनिस्टर मौजूद थे. मीटिंग में WHO रिपोर्ट के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया गया है. ये प्रस्ताव लाने में उन राज्यों ने भी समर्थन दिया जिनमें बीजेपी की सरकार नहीं है. अब यह प्रस्ताव WHO को भेजने की प्लानिंग बनाई गई है.
Next Story