![कोरोना की तीसरी लहर से कैसे हो सकता है बचाव, जानिए एम्स के डॉक्टर से कोरोना की तीसरी लहर से कैसे हो सकता है बचाव, जानिए एम्स के डॉक्टर से](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/06/20/1112710-pci.webp)
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार अब काफी धीमी पड़ चुकी है. कोरोना के घटते आंकड़ों के बाद केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ढील दी जा रही है. हालांकि विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) की आंशका जताते हुए लॉकडाउन में ढील न देने की चेतावनी दी है. कोरोना की तीसरा लहर कब आएगी, यह कितनी गंभीर होगी और किन लोगों को इससे विशेष सावधान रहने की जरूरत है, ऐसे ही कई तरह के सवाल दिमाग में घूम रहे हैं.
इसी बीच रविवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसन के सहायक प्रोफेसर नीरज निश्चल ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के कारकों के बारे में जानकारी दी. प्रो. नीरज ने कहा, 'कोरोना की संभावित तीसरी लहर मुख्यरूप से दो महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करेगी- पहला वायरस से संबंधित और दूसरा मानव-संबंधी. वायरस में होने वाला म्यूटेशन और उससे जनित जटिलताएं हमारे हाथ में नहीं हैं लेकिन मानव-संबंधी कारकों को हम अपने प्रयासों से दूर कर सकते हैं.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया गया और भीड़-भाड़ नहीं रोकी गई, तो अगले छह से आठ सप्ताह में वायरस संक्रमण की अगली लहर देश में दस्तक दे सकती है. भारत अप्रैल और मई में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ था, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई थीं और विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण संकट बढ़ गया था. यहां तक कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश के अधिकांश हिस्सों में पाबंदी और सख्त प्रतिबंध भी लागू किए गए थे.