लखनऊ। लेवाना होटल अग्निकांड मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद योगी सरकार ने दोषी अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में 6 विभागों 19 अफसरों को सीधे जिम्मेदारी माना गया है. अवैध निर्माण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और अग्निशमन अधिकारियों को लेवाना होटल अग्निकांड के लिए दोषी माना गया. जिसके बाद सरकार ने कई बड़े अफसरों को निलंबित कर दिया है.
बता दें कि लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर और कमिश्नर रोशन जैकब की रिपोर्ट के बाद शासन ने ये कार्रवाई की है. दोषी 19 अफसरों में से 2 रिटायर हो चुके हैं. जिनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. वहीं सरकार ने 17 अफसरों के खिलाफ सस्पेंशन और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इनमें सीएफओ, तत्कालीन आबकारी अधिकारी, तत्कालीन विहित अधिकारी सहित कई अधिकारी शामिल हैं.
शासन ने लखनऊ के मौजूदा CFO विजय कुमार सिंह और फायर ऑफिसर योगेंद्र प्रसाद को भी सस्पेंड किया है. वहीं बिजली विभाग के तीन अधिकारी- सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा विजय कुमार राव, अवर अभियंता आशीष मिश्रा, उपखंड अधिकारी राजेश मिश्रा सस्पेंड किए गए हैं. एलडीए में तैनात तत्कालीन विहित प्राधिकारी महेंद्र कुमार मिश्रा सस्पेंड हुए हैं. उधर, होटल निर्माण के समय एचडी में तैनात रहे 7 इंजीनियर भी सस्पेंड किए गए. वहीं रिटायर हो चुके एक इंजीनियर गणेश दत्त सिंह के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. एलडीए में तैनात रहे तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अरुण कुमार सिंह, ओम प्रकाश मिश्रा, असिस्टेंट इंजीनियर राकेश मोहन, जूनियर इंजीनियर जितेंद्र नाथ दुबे, रविंद्र कुमार श्रीवास्तव और जयवीर सिंह भी सस्पेंड किए गए हैं. एलडीए का मेट रामप्रताप को भी सस्पेंड कर दिया गया है.
इसके अलावा आबकारी विभाग के तीन अधिकारी भी सस्पेंड किए गए हैं. जिनमें तत्कालीन आबकारी अधिकारी संतोष तिवारी, आबकारी निरीक्षक अमित श्रीवास्तव और उप आबकारी आयुक्त जैनेंद्र उपाध्याय शामिल हैं.