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अस्पताल की भयंकर लापरवाही...जिस मरीज को ICU में चूहे ने किया लहूलुहान, उसकी हुई मौत
jantaserishta.com
24 Jun 2021 1:06 AM GMT
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बड़ी खबर
महाराष्ट्र के बीएमसी अस्पताल से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. जिस मरीज को ICU में चूहे ने लहूलुहान कर दिया था, बुधवार को उसने दम तोड़ दिया और उसकी मौत हो गई. ये घटना राजावाड़ी अस्पताल की है और मृत मरीज का नाम श्रीनिवास येल्लप्पा. उसकी उम्र सिर्फ 24 साल थी और वे मेनिनजाइटिस से पीड़ित चल रहा था.
चूहे ने ICU में काटा, मरीज की मौत
जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तब उसे बीएमसी के अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. उसका इलाज भी चल रहा था, लेकिन फिर मंगलवार को एक चूहे ने येल्लप्पा की पलक पर काट लिया. उस वजह से उसकी आंखों के ऊपर से खून निकलने लगा. सुबह जब बहन की उस पर नजर पड़ी, तब जाकर इलाज किया गया और येल्लप्पा को दूसरे वॉर्ड में भी शिफ्ट कर दिया. लेकिन इस सब का ज्यादा फायदा नहीं हुआ और येल्लप्पा ने बुधवार को दम तोड़ दिया.
राजावाड़ी अस्पताल प्रशासन की तरफ से चिकित्सा अधीक्षक विद्या ठाकुर ने कहा है कि मरीज को ICU में एडमिट किया गया था. मरीजों के वॉर्ड में जो खाना पड़ा रहता है, उस वजह से कई बार चूहे आ जाते हैं. हमने कई बार चेतावनी जारी की है कि वॉर्ड में खाना ना छोड़ा जाए. हम एक्शन लेंगे और पूरी कोशिश होगी ऐसी घटनाएं भविष्य में ना हों.
मौत के लिए कौन जिम्मेदार?
वैसे येल्लप्पा की बहन ने तो एक दिन पहले ही कह दिया था कि अगर उनके भाई को कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? तब उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि मंगलवार सुबह जब मैं अपने भाई से मिलने अस्पताल पहुंची तो देखा कि उसके बांये आंख पर चोट के निशान थे और पलक से खून बह रहा था. मैंने इस बारे में प्राधिकरण को जानकारी दी, जिसके बाद उन्हें अपनी गलती का ऐहसास हुआ. मेरे भाई को बाद में दूसरे बेड पर शिफ्ट कर दिया गया है और उसके घाव का इलाज किया जा रहा है. वह पहले से ही क्रिटिकल हालात में था. अगर ऐसे में उसे कुछ होता है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?'
मृत की बहन का खुलासा
अब जब वे अपने भाई को खो चुकी हैं, वे न्याय की गुहार लगा रही हैं. वे कह रही हैं कि दूसरे मरीजों संग ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने मांग की है कि इस अस्पताल के खिलाफ एक्शन होना चाहिए. पुलिस जांच के जरिए सच को सामने लाना चाहिए. आरोप लगाया गया है कि परिवार को अस्पताल के बाहर बैठाया गया था. वे मरीज से कई घंटों तक नहीं मिल पाए थे. उन्हें मौत की खबर भी काफी बाद में बताई गई.
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