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हनीट्रैप: डॉक्टर बना हसीना का श‍िकार...ब्लैकमेलिंग कर वसूले 7 लाख रूपए

Admin2
4 Jan 2021 3:00 PM GMT
हनीट्रैप: डॉक्टर बना हसीना का श‍िकार...ब्लैकमेलिंग कर वसूले 7 लाख रूपए
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ऐसे हुआ खुलासा

लखनऊ के रहने वाले डेंटिस्ट डॉक्टर राजेश अक्सर सोशल मीडिया पर अक्सर अपना वक़्त गुजारा करते थे. इस रोज़ शाम को भी वो एक सोशल नेटवर्किंग साइट पर टहल ही रहे थे, कि तभी अचानक उन्हें एक लड़की ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. नाम था सना उर्फ़ तबस्सुम. तीखे नैन-नक्श और खूबसूरत अपियरेंसवाली सना की फ्रेंड रिक्वेस्ट देख कर डॉ राजेश ने उसे एक्सेप्ट करने में ज़रा भी देर नहीं की. इस तरह पहले वर्चुअल वर्ल्ड में दोनों की दोस्ती हुई और फिर फोन नंबर एक्सचेंज हुआ और तब हकीकत में दोनों एक दूसरे से चैटिंग करने लगे. बातों-बातों में सना और डॉक्टर राजेश में नज़दीकियां बढ़ने लगीं. बातों का सिलसिला भी धीरे-धीरे लंबा होने लगा. लेकिन ये तो सिर्फ़ शुरुआत थी. दोस्ती और प्यार मुहब्बत के रास्ते से अभी इस रिश्ते को बहुत आगे जाना था. फिर वो घड़ी भी आई, जब दोनों को एक दूसरे को और करीब से जानने और समझने का मौका मिल गया.

हुआ यूं कि सना ने एक दिसंबर की शाम को डॉ. राजेश को फोन कर मिलने बुलाया. सना ने बताया कि वो सुशांत गोल्फ़ सिटी के ओमेक्स अपार्टमेंट की फ्लैट नंबर 1302 में उनका इंतज़ार कर रही है. जब डॉ. राजेश ने वहां किसी और के होने और ना होने को लेकर सना से पूछा तो सना ने हंसते हुए जवाब दिया कि उन्हें घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है, वहां उसके अलावा सिर्फ उसकी छोटी बहन कहकशां है. और खुद कहकशां भी उनसे मिलना चाहती है.

अकेले में दो बहनों से मिलने की ये पेशकश डॉ. राजेश ठुकरा नहीं सके. और फौरन ही अपनी कार ड्राइव कर सुशांत गोल्फ सिटी के ओमेक्स अपार्टमेंट जा पहुंचे. दरवाज़े की घंटी बजी और सना ने मुस्कुराते हुए उनका स्वागत किया. सना ने अपनी बहन कहकशां से डॉ. राजेश की मुलाक़ात भी करवाई और उन्हें कॉफी भी पिलाई. यहां तक तो सबकुछ ठीक था, लेकिन इसके आगे ज़ोर का झटका डॉ. राजेश का इंतज़ार कर रहा था. सना ने ये सही कहा था कि फ्लैट में उसके अलावा उसकी छोटी बहन कहकशां भी मौजूद है. लेकिन ये नहीं बताया था कि वहां सना और कहकशां के अलावा पांच और लोग भी उसका इतज़ार कर रहे हैं. काफी पीते ही डॉ. राजेश को नशा सा होने लगा और फिर तो उनकी हालत ऐसी हुई कि जैसा-जैसा सना उनसे कहती जा रही थी, वो करते जा रहे थे.

फिर तो कुछ घंटों के बाद जब उन्हें होश आया, तो पूरी पिक्चर बदल चुकी थी. सना और कहकशां के अलावा फ्लैट में पांच और लोग मौजूद थे, जिन्होंने उन्हें घेर रखा था. उन पांचों ने उनसे मारपीट और बदतमीज़ी शुरू कर दी. अब तो डॉ. राजेश बुरी तरह फंस चुके थे. उनकी हालत कुछ कुछ वैसी थी जैसे उगलो तो अंधा और निगलो तो मौत. कहां तो डॉ. राजेश सना के साथ कुछ हसीन पल गुज़ारने का ख्वाब देख रहे थे और कहां सात-सात लोगों के पूरे के पूरे गैंग ने उन्हें दबोच लिया था. घबराए डॉ. राजेश वहां से भागना चाहते थे, लेकिन ये मुमकिन नहीं था. लेकिन अभी असली धोखा तो बाकी था. सना एंड कंपनी ने डॉ. राजेश को बताया कि अब उनकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो उनके पास मौजूद हैं. और अब वो इस चक्रव्यूह से निकलना चाहते हैं, तो उन्हें 30 लाख रुपये देने होंगे. असल में डॉ. राजेश जब नशे में थे, तभी सना और उसकी गैंग ने डॉक्टर राजेश की कुछ ऐसी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बना ली थीं, जिन्हें देखकर उनका दिमाग घूम गया.

कुल मिलाकर, अब डॉ. राजेश को ये बात समझ में आ चुकी थी कि सना कोई हसीन ख्वाब नहीं, बल्कि हनीट्रैप का वो चारा है, जो उन्हें बुरी तरह फंसा चुकी है. डॉ. राजेश माफी मांगने लगे. गिड़गिड़ाने लगे. लेकिन वो जितना परेशान होते, सना और उसके गैंग के लोग उन्हें उनकी अश्लील तस्वीरें दिखा दिखा कर उतना ही डराते और परेशान करने की कोशिश करते. और तो और देखते ही देखते सभी ने मिल कर उनका एटीएम कार्ड, उनकी जेब में रखे 30 हज़ार रुपये और दूसरी कीमती चीज़ें भी उनसे छीन लीं. इस धमकी के साथ उन्हें जाने दिया कि अगर उन्होंने ज़रा भी होशियारी दिखाई, तो उन्हें बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकेगा. शादीशुदा डॉक्टर राजेश अब हनीट्रैप के जाल में बुरी तरह फंस चुके थे. यहां तक कि सना और उसके गैंग के लोग डॉ राजेश को 30 लाख रुपये ना देने पर अब उनके बच्चों की हत्या कर देने तक की धमकी देने लगे थे. हालत ये हुई कि डॉ. राजेश ने जैसे-तैसे रुपयों का इंतज़ाम करना शुरू किया. और एक-एक कर कई किश्तों में करीब 7 लाख रुपये इस गैंग को चुका दिए. लेकिन जब इतने रुपये चुकाने के बावजूद गैंग का मुंह बंद होने की बजाय और खुलता जा रहा था.

इस बात से परेशान होकर डॉ. राजेश ने पुलिस के पास जाने का फ़ैसला किया. उन्होंने लखनऊ के ही गोमती नगर थाने में रिपोर्ट लिखवाई और बताया कि पिछले दिनों उन्हें कुछ लोगों ने अगवा कर उनसे लाखों रुपये वसूले. चूंकि इल्ज़ाम संगीन था, पुलिस ने फ़ौरन अलग-अलग टीमें बना कर मामले की जांच शुरू कर दी. डॉ. राजेश से सिलसिलेवार तरीके से पूरे वाकये की जानकारी ली और अपने मुखबिरों का जाल बिछा दिया. छानबीन में पुलिस को पता चला कि सना और कहकशां नाम की ये दोनों बहनें अपने साथियों के साथ मिलकर हनीट्रैप का एक ऐसा गैंग चलाती हैं, जो लोगों को दोस्ती और फिर प्यार मुहब्बत के जाल में फांस कर पहले तो उनकी अश्लील तस्वीरें उतार लेते हैं और फिर इन्हीं तस्वीरों के दम पर उनकी ब्लैकमेलिंग करते हैं. फाइनली पुलिस की कोशिश रंग लाई और पुलिस ने इस गैंग के एक ठिकाने पर दबिश डाल कर सबसे पहले कहकशां और उसके साथी सचिन रावत को धर दबोचा.

लेकिन पहली कार्रवाई में सना और गैंग के बाकी लोग फ़रार होने में कामयाब हो गए. बाद में पुलिस ने इस गैंग के चार और लोगों को भी धर दबोचा. लेकिन डॉ. राजेश को अपने प्रेम जाल फांसनेवाले सना अब भी फरार है. लखनऊ पुलिस की मानें तो इस गैंग ने हनीट्रैप के इसी जाल में फंसा कर कई और लोगों को भी लूटा है. इस गैंग मॉडस ऑपरेंडी इतनी फुलप्रूफ़ होती थी कि एक बार इनके जाल में फंसनेवाला शख्स भी लुट कर ही निकलता था. और लुटने के बावजूद लोग इसकी शिकायत किसी से नहीं कर पाते थे. इनके गैंग के लोग डॉक्टर, प्रोफेशनल्स, बिजनेसमैन, बिल्डर जैसे अमीर लोगों को ही टार्गेट करते थे. ज़्यादातर मामलों में उनका शिकार शादीशुदा लोग होते थे, जिन्हें ब्लैकमेल करना आसान होता था. गैंग की लड़कियां पहले ऐसे लोगों से दोस्ती करती थी और फिर उन्हें अपने ठिकाने पर बुलाती थी. गैंग के ठिकाने पर बाकी लोग पहले ही खुफ़िया कैमरे और दूसरे इंतज़ाम के साथ तैयार रहते थे.

मौका मिलते ही पहले शिकार को कोई नशीली कॉफी या कोल्ड ड्रिंक पीने को दी जाती थी और फिर जैसे ही शिकार नशे में होता, ये लोग उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियोज़ बना लेते थे. इसके बाद शुरू होता था ब्लैकमेलिंग का खेल. ये गैंग ब्लैकमेल कर लोगों से लाखों रुपये वसूलता था. फिलहाल पुलिस को छानबीन में ये भी पता चला है कि इस गैंग के लोगों का ताल्लुक कुछ सेक्स रैकेट चलानेवाले धंधेबाज़ों से भी है. पुलिस ने तफ्तीश में पता चला है कि गैंग की मास्टरमाइंड सना और उसका पति आदिल है. और पुराने लखनऊ का रहने वाला आदिल सेक्स रैकेट चलानेवाले दीवान का गुर्गा रहा है. इस गैंग ने सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि पुणे, जयपुर, उदयपुर, और दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में अमीरों को फांस कर उनसे लाखों रुपये लूटे हैं. गैंग लोग अक्सर अपने शिकार को लूटने के बाद कुछ महीनों के लिए अपना पता-ठिकाना बदल लिया करते थे.

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