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कृषि कानून के खिलाफ मंगलवार को किसान संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है. इस बंद को देश के दर्जनों राजनीतिक दलों का भी समर्थन है, ऐसे में अब सरकार बंद को लेकर सतर्क है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसानों के भारत बंद को देखते हुए राज्यों को एडवाइजरी जारी की है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, केंद्र द्वारा राज्यों को एडवाइजरी दी गई है. एडवाइजरी में गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य सुनिश्चित करें कि भारत बंद शांति पूर्वक हो और किसी भी तरीके की अप्रिय घटना ना हो.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 8 दिसंबर को कुछ संगठनों द्वारा बंद के आह्वान के मद्देनज़र राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी एडवाइजरी; किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने और क़ानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के दिए निर्देश@PIBHomeAffairs @AmitShah @PIBHindi @AIRNewsHindi pic.twitter.com/YHa5xyPmmI
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) December 7, 2020
राजस्थान सीएम ने बुलाई बैठक
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार शाम चार बजे एक बैठक बुलाई है, जिसमें कानून व्यवस्था पर मंथन किया जाएगा. इसी बैठक में मंगलवार को होने वाले भारत बंद से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया जाएगा. सीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में राज्य के चीफ सेक्रेटरी, डीजी और अन्य बड़े अधिकारी शामिल होंगे.
किसानों की ओर से दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 12 दिनों से धरना दिया जा रहा है. दिल्ली से जुड़ी कई सीमाएं बंद हैं और अब किसानों ने ही 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.
राजनीतिक दलों ने किया समर्थन
किसानों के ऐलान के बाद कांग्रेस, सपा, बसपा, डीएमके, आम आदमी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया. राजनीतिक दलों के अलावा कई यूनियनों ने भी भारत बंद के समर्थन की बात कही. हालांकि, CAIT ने कहा है कि मंगलवार को देश के बाजार, ट्रांसपोर्ट चालू रहेगा.
गौरतलब है कि मंगलवार को भारत बंद है और बुधवार को किसान-सरकार के बीच फिर एक बैठक होनी है. अबतक किसानों और सरकार के बीच 5 राउंड की बैठक हो चुकी है लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. पिछली बैठक में किसानों ने सरकार से सीधे हां या ना में जवाब मांगा था और कृषि कानून वापस लेने को कहा था.
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से जारी है. भारत बंद मंगलवार को 11 से 3 बजे तक होगा. ये सांकेतिक विरोध है कि हम कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं. हम आम लोगों के लिए दिक्कत नहीं पैदा करना चाहते हैं, ताकि लोग सुबह-सुबह दफ्तर जा सकें. राकेश टिकैत ने कहा कि शादी, एम्बुलेंस को कोई दिक्कत नहीं आएगी, लोग इमरजेंसी कार्ड दिखाकर जा सकते हैं.
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