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गृह मंत्री ने की घोषणा, भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू

Nilmani Pal
9 Dec 2021 2:51 PM GMT
गृह मंत्री ने की घोषणा, भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू
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मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। दोनों ही शहरों में एडीजीपी स्तर के अधिकारी कमिश्नर होंगे। भोपाल के 38 थाने और इंदौर के 36 थाने कमिश्नर सिस्टम के अंतर्गत आएंगे। नए कमिश्नरों की घोषणा एक हफ्ते में की जाएगी। गृह मंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की। भोपाल में एडीजी/आईजी स्तर का अधिकारी पुलिस कमिश्नर होगा। उनकी मदद के लिए दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे। उसके बाद 8 डीसीपी, 10 एडीसीपी, 33 एसीपी, ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1 एसपी होगा। इसी तरह इंदौर में स्वीकृत पदों में थोड़ा बदलाव रहेगा। इंदौर में पुलिस कमिश्नर को मदद करने के लिए दो एडिशनल कमिश्नर, 8 डीसीपी, 12 एडीसीपी, 30 असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1 एसपी होगा। नई व्यवस्था के तहत पुलिस अधिकारियों के पास सीआरपीसी की धारा 20, 106, 124, 129, 132, 144, 144-क, के तहत मजिस्ट्रियल शक्तियां होंगी। पुलिस एक्ट, अनैतिक व्यापार अधिनियम, मोटर व्हीकल एक्ट, अनैतिक व्यापार अधिनियम, राज्य सुरक्षा अधिनियम जैसे कुछ कानूनों में संशोधन करना होगा, जिसे जल्द से जल्द कर रहे हैं।

आचार संहिता का असर नहीं

डॉ. मिश्रा ने कहा कि आचार संहिता इस समय पंचायतों में लागू है। जो फैसला लिया गया है, वह दो महानगरों के लिए है। वहां नगर निगमों के चुनाव अभी नहीं हो रहे हैं। इस वजह से आचार संहिता का इस फैसले पर कोई असर नहीं होगा।

कमिश्नरी में बनेंगी अदालतें

डॉ. मिश्रा ने कहा कि कमिश्नरी का पूरा सिस्टम है, जो धीरे-धीरे आकार लेगा। इसके तहत पुलिस कमिश्नर कार्यालय में ही अदालतें भी बनेंगी। पूरा सिस्टम ही बनेगा। कमिश्नर को एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार हैं, इस वजह से अदालतें तो बनेंगी ही। इंदौर-भोपाल में यह सिस्टम सार्थक रहा तो प्रदेश के अन्य शहरों में भी इसे लागू किया जा सकता है।

प्रशासनिक अफसरों को विरोध नहीं

यह पूछे जाने पर कि इंदौर-भोपाल में कमिश्नर प्रणाली का प्रशासनिक अधिकारी विरोध कर रहे हैं तो डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह सही नहीं है। मेरे अगल-बगल में ही दोनों अधिकारी बैठे हैं। आप पूछ लीजिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसला लिया है तो हम उसे लागू कर रहे हैं। इसमें अधिकारियों के बीच कोई विवाद नहीं है। वे साथ मिलकर राज्य को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। ये कयास सिर्फ मीडिया में ही लग रहे हैं।

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