जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के दावों के साथ शुरू किए गए अटल उत्कृष्ट स्कूलों का रिजल्ट बेहद निराशाजनक रहा। कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में अटल स्कूलों के करीब आधे छात्र फेल हो गए। जबकि हाईस्कूल में भी रिजल्ट बामुश्किल 60 फीसदी तक पहुंचा। हैरानी की बात यह है कि इंटरमीडिएट में प्राइवेट पढ़ाई करने वाले छात्रों ने भी अटल स्कूलों को काफी पीछे छोड़ दिया।
प्राइवेट श्रेणी में 72.18 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। शुक्रवार को जारी सीबीएसई की बोर्ड रिजल्ट में हाईस्कूल व इंटर दोनों ही परीक्षाओं में अटल उत्कृष्ट स्कूलों का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा है। प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने के दावों के साथ वर्ष 2019-20 में प्रदेश के 189 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से संबंद्ध किया था। लेकिन इन स्कूलों में संसाधन और सीबीएसई बोर्ड के अनुकूल स्टाफ मुहैया नहीं कराया गया।
इंटरमीडिएट में फिसड्डी: 12 वीं कक्षा में इस साल 12,759 छात्रों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इनमें से परीक्षा में शामिल हुए 12,534 छात्रों में 6454 ही पास हो पाए हैं। बाकी करीब 49 प्रतिशत छात्र-छात्राएं फेल हो गए। इंटरमीडिएट में सबसे कम पासिंग प्रतिशत प्राइवेट पढ़ाई करने वाले छात्रों का है। इन श्रेणी में भी 72.18 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं।
हाईस्कूल में सबसे नीचे
हाईस्कूल में 8626 छात्र रजिस्टर्ड हुए थे। इनमें 127 ने परीक्षा छोड़ दी। पास केवल 5141 ही हो पाए। यानी कुल रिजल्ट 60.49 ही रहा है। हाईस्कूल में अन्य बाकी श्रेणी के स्कूलों में कोई ऐसा नहीं है, जिसका रिजल्ट 90 फीसदी से कम हो।
राजीव नवोदय स्कूलों का प्रदर्शन शानदार
सीबीएसई रिजल्ट में शिक्षा विभाग को राजीव नवोदय स्कूलों ने थोड़ी राहत दी है। हाईस्कूल में राजीव नवोदय का रिजल्ट 97.54 प्रतिशत और इंटरमीडिएट 90.03 प्रतिशत रहा।
अटल स्कूलों का बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट निसंदेह विचारणीय है। इसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी भी रहा है। कोरोना की वजह से शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं। इस रिजल्ट के आधार पर दोगुनी ऊर्जा के साथ काम किया जाएगा।
बंशीधर तिवारी, डीजी-शिक्षा