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बरसाना में कल से शुरू होगी होली, पहले दिन खेली जाएगी लड्डूमार होली

Rani Sahu
9 March 2022 6:15 PM GMT
बरसाना में कल से शुरू होगी होली, पहले दिन खेली जाएगी लड्डूमार होली
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हिंदू धर्म में सभी त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता है

हिंदू धर्म में सभी त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता है, लेकिन जब बात होली (Holi 2022) की आए तो ब्रज में होली बड़े धूमधाम के साथ आयोजित की जाती है. ब्रज में होली का अपना एक विशेष महत्व है, जिसमें श्रद्धालु राधा रानी के प्रेम समान रंगों में रंगे दिखाई देते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं. ब्रज के मंदिरों में होली कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती है. इस बार भी होली बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है और इस बार की होली और अधिक भव्य करने के लिए सभी मंदिरों में तैयारियां कर ली गई हैं. 10 मार्च से ब्रज में होली का उत्सव प्रारंभ हो जाएंगे साथ ही मंदिरों में होली बड़े धूमधाम के साथ खेली जाएगी.

ब्रज के सुप्रसिद्ध बरसाना के मंदिर में गुरुवार को लड्डू मार होली का आयोजन होगा. सभी भक्तगण लड्डू की होली खेलेंगे और होली का आयोजन करेंगे. वही 11 मार्च को बरसाने में लठमार होली का आयोजन बड़े धूमधाम के साथ किया जाएगा, जिसमें प्यार बड़ी लाठिया हरियारों पर बरसाई जाएंगी. विश्व प्रसिद्द बरसाने की लड्डू होली और लट्ठमार होली लिए काफी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है.
वहीं बरसाना के राधारानी प्रांगण मंदिर में दूर दराज से आए श्रद्धालु राधारानी के जयकारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं. रंगीन होली के लिए राधारानी मंदिर की छतों पर टेशू के फूलों से बने रंग के ड्रम भरकर तैयार हो गए है. यहां टेसू के फूलों से होली खेली जाएगी.
कहां कब खेली जाएगी होली
10 मार्च आमंत्रण उत्सव नंद गांव
10 मार्च लड्डू होली बरसाना
11 मार्च बरसाना की लट्ठमार होली
12 मार्च नंदगांव की लठमार होली
14 मार्च कृष्ण जन्मभूमि होली
14 मार्च द्वारकाधीश मंदिर होली, मथुरा
14 मार्च बांके बिहारी मंदिर होली, वृंदावन
16 मार्च छड़ी मार होली, गोकुल
18 मार्च होलिका दहन
19 मार्च धुलेडी
20 मार्च हुरंगा, बलदेव
20 मार्च हुरंगा, नंदगांव
20 मार्च हुरंगा, जाब
20 मार्च चरकुला, मुखराई
21 मार्च हुरंगा, बठेन
21 मार्च हुरंगा, गिठोह
23 मार्च रंग पंचमी, खायरा
40 दिन तक चलती है होली
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में होली का उत्साह साफ नजर आ रहा है. बसंत पंचमी पर मंदिरों में एवं होलिका दहन स्थलों पर होली का ढांडा गाड़े जाने के बाद से ही भगवान कृष्ण की नगरी में 40 दिनों तक चलने वाले रंगोत्सव की धूम शुरू हो गई थी.
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