दिल्ली पुलिस में नए पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के पद ग्रहण करने के बाद से बदलाव का सिलसिला शुरू हो चुका है. 1 सितंबर को दिल्ली पुलिस में ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है, जिसके तहत प्रत्येक पुलिस थाने में दो प्रकार की कार्य प्रणाली के तहत काम किया जाएगा. एक के तहत पुलिसिंग का जोर कानून व्यवस्था पर रहेगा तो दूसरी को सिर्फ जांच पर ध्यान केंद्रित करना होगा. इसके लिए खाका तैयार किया जा चुका है. दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 1 सितंबर से पुलिस थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को दो हिस्सों में काम करने के लिए कहा गया है. पहले हिस्से की जिम्मेदारी इलाके में कानून व्यवस्था बनाये रखना होगा, जिसके तहत इलाके में गश्त करना, अपराध से जुड़ी कॉल अटेंड करना होगा. वहीं दूसरे हिस्से में शामिल पुलिस का काम जांच सम्बंधित होगा जैसे एफआईआर दर्ज करना, उसकी जांच करना, आरोपियों की धड़ पकड़ और फिर अदालत में मजबूत साक्ष्य और टाइट चार्जशीट दायर करना ताकि आरोपी को सजा दिलवाई जा सके.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि इस बदलाव से कानून व्यवस्था बेहतर होने के साथ - साथ अपराधियों को सजा दिलवाने के प्रतिशत में भी सुधार आएगा. इसी बदलाव के लिए दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट को भी थानों से जोड़ दिया गया है. जो थानों में बीट पर तैनात रहेंगे और कॉल अटेंड के साथ गश्त भी करेंगे. किसी भी प्रकार की कानून व्यवस्था संबंधी कॉल आने पर बीट पेट्रोलिंग व्हीकल या बीट वैन मौके पर पहुंचेगी.
अगर वहां पर अधिक फोर्स की जरूरत होगी तो इसकी जानकारी कानून व्यवस्था के इंस्पेक्टर एवं एसएचओ को दी जाएगी. थाने में तैनात इंस्पेक्टर एटीओ को अब लॉ एंड ऑर्डर पर फ़ोकस करना होगा. काम वहीं इन्वेस्टिगेशन इंस्पेक्टर क्राइम और इन्वेस्टिगेशन पर ध्यान देंगे.