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दिल्ली विश्वविद्यालय में जल्द शुरू हो सकता है हिंदू स्टडी सेंटर
jantaserishta.com
17 Jan 2023 2:34 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली विश्वविद्यालय में जल्द ही हिंदू स्टडीज के लिए एक केंद्र की स्थापना की जा सकती है। दिल्ली विश्वविद्यालय में इसके लिए एक 17 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इससे पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने भी हिंदू अध्ययन का एक नया पाठ्यक्रम शुरू किया जा चुका है। दिल्ली विश्वविद्यालय में इस पाठ्यक्रम के तहत पहले पोस्टग्रेजुएट और रिसर्च में कोर्स शुरू किए जाएंगे और बाद में यूजी कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय ने हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए अधिसूचना जारी कर इस 17 सदस्यीय समिति का गठन कर किया है। विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह इस समिति के चेयरमैन बनाए गए हैं। इस समिति में डीन, विभागाध्यक्ष, निदेशक, विभिन्न कॉलेजों के प्रिंसिपल और प्रोफेसर शामिल किए गए हैं।
श्रीप्रकाश सिंह के मुताबिक, भारत 23 विश्वविद्यालय हिंदू अध्ययन में पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय में एक हिंदू अध्ययन केंद्र की जरूरत थी। दिल्ली विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन केंद्र है, लेकिन हिंदू अध्ययन केंद्र नहीं था। यह देखते हुए विचार किया गया कि हिंदू अध्ययन केंद्र खोलना व्यवहार्य है या नहीं। उनके मुताबिक यह पैनल पहले केंद्र की व्यवहार्यता की जांच करेगा और फिर उसके अनुसार पाठ्यक्रम शुरू करेगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक, गठित की गई कमेटी यह तय करेगी कि हिंदू स्टडीज पर कितने कोर्स शुरू किए जाएं। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने हिंदू अध्ययन केंद्र का विरोध किया है।
गौरतलब है कि इससे पहले वाराणसी में बनारस हिंदू बीएचयू ने हिंदू अध्ययन का एक नया पाठ्यक्रम शुरू किया है। बीएचयू के अनुसार, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम देश में किसी विश्वविद्यालय द्वारा पेश किया जाने वाला पहला पाठ्यक्रम है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप तैयार किया गया एक विषय है। यह पाठ्यक्रम भारत अध्ययन केंद्र द्वारा कला संकाय के तहत दर्शनशास्त्र और धर्म विभाग, संस्कृत विभाग और प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के सहयोग से पेश किया जा रहा है।
बीएचयू का कहना है कि यह पाठ्यक्रम दुनिया को हिंदू धर्म के कई अज्ञात पहलुओं से अवगत कराएगा और इसकी शिक्षाओं को अधिक लोगों तक ले जाने में मदद करेगा। पहले बैच में एक विदेशी समेत कुल 45 छात्र शामिल हुए हैं।
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