हिंदू संगठन ने क्लब-रेस्टोरेंट मालिकों को दी चेतावनी, नए साल में हमारी आस्थाओं के साथ खिलवाड़ ना करे
यूपी। गैर धर्म के त्यौहारों के जश्न से एक बार फिर बजरंग दल को हिंदुत्व खतरे में नजर आने लगा है. वाराणसी में अभी 25 दिसंबर (क्रिसमस) को बजरंग दल ने चर्च के बाहर धर्मांतरण के खिलाफ हनुमान चालीसा का पाठ किया था, तो अब नववर्ष का जश्न न मनाने की चेतावनी दी है. हिंदू संगठन ने शहर के मॉल और रेस्टोरेंट के बाहर चस्पा किए पोस्टरों पर साफ-साफ लिखा है कि नए वर्ष का जश्न मनाना सनातन परंपरा के खिलाफ है. लिहाजा ऐसे किसी भी जश्न का आयोजन मॉल और रेस्टोरेंट नहीं कर सकते हैं.
वाराणसी के केंटोंमेंट इलाके में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इलाके के मॉल, रेस्टोरेंट और होटलों के बाहर चेतावनी भरे पत्र लगाने शुरू किए हैं. बजरंग दल के काशी महानगर संयोजक निखिल त्रिपाठी 'रुद्र' के नाम से जारी इन पोस्टरों में साफ लिखा है, काशी नगरी हिंदुओं की आस्था और सांस्कृतिक परंपरा का केंद्र है. दुनिया में इसे भारत की सांस्कृति राजधानी भी कहा जाता है. दुनिया के लोग यहां धर्म, ज्ञान, अध्यात्म और मोक्ष के लिए आते हैं. काशी की महत्वपूर्ण पहचान इस नगर की प्राचीनता और आध्यामित्कता है, लेकिन कुछ व्यवसायिक प्रतिष्ठान, शॉपिंग मॉल, क्लब पश्चात संस्कृति के नववर्ष के नाम पर धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहे हैं.
संगठन के संयोजक का कहना है कि नव वर्ष मनाने के नाम पर देर रात तक शराब पार्टी आदि के जरिए युवक-युवतियों का सामाजिक पतन किया जा रहा और हमारी आस्थाओं के साथ खिलवाड़ भी हो रहा है. ऐसे में बजरंग दल ने चेतावनी देते हुए क्लब और होटल मालिकों को गंभीर दुष्परिणाम भुगतने के लिए चेताया है.
होटल, रेस्टोरेंट मालिकों का दर्द यह है कि कोरोना की मार और तीसरी लहर की आशंका ने पहले से ही व्यापार की कमर तोड़कर रख दी है, अब रही सही कसर बजरंग दल ऐसे पोस्टर चस्पा करके पूरी करने में लगा है. हालांकि, इस मुद्दे पर पुलिस प्रशासन की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.