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बाबरी मस्जिद विध्वंस: 31 साल पुराने केस में हिंदू कार्यकर्ता को मिली जमानत, जानें कौन है श्रीकांत पुजारी?

5 Jan 2024 6:43 AM GMT
बाबरी मस्जिद विध्वंस: 31 साल पुराने केस में हिंदू कार्यकर्ता को मिली जमानत, जानें कौन है श्रीकांत पुजारी?
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बेंगलुरु: हिंदू ऐक्टिविस्ट श्रीकांत पुजारी को हुबली कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद हुए दंगों में कथित भागीदारी के आरोप में पुजारी को गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदूविरोधी होने के आरोप लगाए थे और प्रदर्शन का ऐलान कर …

बेंगलुरु: हिंदू ऐक्टिविस्ट श्रीकांत पुजारी को हुबली कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद हुए दंगों में कथित भागीदारी के आरोप में पुजारी को गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदूविरोधी होने के आरोप लगाए थे और प्रदर्शन का ऐलान कर दिया था। 31 साल पुराने केस में हुई गिरफ्तार के बाद कई जगह पर विरोध प्रदर्शन हुए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक अभियान भी चलाया था जिसका नारा था, 'मैं भी कारसेवक हूं, मुझे गिरफ्तार करो।'

श्रीकांत पुजारी के वकील के मुताबिक कोर्ट ने उनको सशर्त जमानत दी है। शनिवार की शाम तक वह जेल से बाहर आएंगे। उन्होंने कहा, हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। 51 साल के श्रीकांत पुजारी कर्नाटक के चन्नापेट के रहने वाले हैं। अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद हुबली में भी दंगे हुए थे। श्रीकांत पर दंगे भड़काने और फिर उसमें शामिल होने का आरोप है। उस समय कुछ दुकानों को आग भी लगा दी गई थी।

हुबली पुलिस के मुताबिक श्रीकांत पर 31 साल में 6 केस लगाए गए। इसमें से तीन दंगों को लेकर थे। 1992 के अलावा उनपर 1999, 2001 और 2014 में भी दंगे भड़काने का आरोप है।इसके अलावा अवैध शराब और जुए को लेकर भी उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। हुबली पुलिस का कहना है कि वह कभी कोर्ट में पेश नहीं हुए। वहीं स्थानीय मीडिया का कहना है कि पुजारी कुछ साल से ऑटो रिक्शा चलाते हैं। श्रीकांत के वकील का कहना है कि ज्यादातर मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है।

भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की सरकार अब रामभक्तों और कारसेवकों को डराने की रणनीति अपना रही है। वहीं हिंदू कार्यकर्ताओं को अपराधी बताया जा रहा है। उनका कहना है कि कई बार श्रीकांत के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए गए जिनमें वह बरी भी हो गए। मेंगलुरु कुकर बम मामले में भी आरोपी को निर्दोष करार दिया गया।

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