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नई दिल्ली: हर साल 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है. आज ही के दिन साल 1826 में हिंदी भाषा का पहला अखबार कोलकाता से सप्ताहिक पत्रिका के रूप में शुरू हुआ था. कानपुर में जन्मे और पेशे से वकील पंडित जुगल किशोर शुक्ल इसके संपादक थे. इस अखबार का नाम था 'उदन्त मार्तण्ड '.
'उदन्त मार्तण्ड एक ऐसा अखबार था, जो ईस्ट इंडिया कंपनी की दमनकारी नीतियों के खिलाफ खुलकर लिखता था. 8 पेज का ये अखबार हर मंगलवार को निकलता था. ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ खबरें प्रकाशित करने के चलते सरकार ने अखबार के प्रकाशन में कानून अड़ंगे लगाना शुरू कर दिया.
'उदन्त मार्तण्ड' के पहले अंक की 500 प्रतियां छापी गई थीं. हालांकि, उस समय इस अखबार को ज्यादा पाठक नहीं मिले थे. हिंदी अखबार होने की वजह से कोलकाता में इसके पाठक न के बराबर थे, इसलिए इसे डाक से अन्य राज्यों में भेजना पड़ता था. लेकिन सरकार ने इस अखबार को डाक सुविधा भी नहीं दी थी, जिसके चलते अखबार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.
1826 में शुरू हुए इस अखबार को 19 महीने बाद ही बंद करना पड़ा था. आर्थिक परेशानियों और कानूनी अड़ंगों के चलते 19 दिसंबर 1827 में इस अखबार की प्रकाशन बंद करना पड़ा था.
हिंदी पत्रकारिता दिवस के इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने ट्विटर पर सभी को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं.
ओम बिड़ला ने ट्वीट में लिखा कि स्वाधीनता आंदोलन में हिंदी पत्रकारिता भारतीयों की सशक्त आवाज बनी. आजादी के बाद हिंदी पत्रकारिता ने भारत की प्रगति और भारतीयों का कल्याण सुनिश्चित किया. निडरता-निष्पक्षता से पत्रकारिता कर्म निभाने वाले पत्रकार साथियों की इसमें अहम भूमिका रही है. आज हम उनके समर्पण का अभिनंदन करते हैं.
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