दुर्लभ प्राणियों में शुमार हिम तेंदुए को लाहौल में एक वन कर्मी ने अपने कैमरे में कैद किया है। अब वन विभाग फिर से संभावित इलाकों में कैमरे से ट्रैप कर हिम तेंदुए की गणना करने जा रहा है। 5 जनवरी को वन विभाग में तैनात खंड अधिकारी ने लाहौल में एक हिम तेंदुए को …
दुर्लभ प्राणियों में शुमार हिम तेंदुए को लाहौल में एक वन कर्मी ने अपने कैमरे में कैद किया है। अब वन विभाग फिर से संभावित इलाकों में कैमरे से ट्रैप कर हिम तेंदुए की गणना करने जा रहा है। 5 जनवरी को वन विभाग में तैनात खंड अधिकारी ने लाहौल में एक हिम तेंदुए को अपने कैमरे में कैद किया है। विश्व में हिम तेंदुए की संख्या लगाातार कम हो रही है, वहीं हिमाचल में इस दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणी के मिलने से पर्यावरण व वन्य प्राणी संतुलन के लिए अच्छी खबर है। हिमाचल के राज्य जानवर हिम तेंदुए की सबसे अधिक मौजूदगी लाहौल-स्पीति, पांगी, भरमौर व किन्नौर में पाई जाती है। इसे पहले 2018 को नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन ने ट्रैप कैमरे के जरिए गणना की थी। इस दौरान कैमरों में ट्रैप करने के बाद 52 से 73 तक हिम तेंदुए होने की पुष्टि हुई थी।
जानकारा के मुताबिक हिम तेंदुए पर्यावरण और वन्य प्राणी को संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। तेंदुआ अब दुनिया के 10 से 12 देशों में ही पाया जाता है और यहां भी इसकी संख्या लगातार कम हो रही है। वनमंडलाधिकारी लाहौल आईएफएस अनिकेत बानवे ने कहा कि उनके वन खंड अधिकारी ने 5 जनवरी को लाहौल में दुर्लभ प्रजाति के हिम तेंदुए को कैमरे में कैद किया है। विभाग फिर से हिम तेंदुए की गणना करेगा, लेकिन इसकी कोई निर्धारित तिथि अभी तय नहीं हुई है।
3,500 से 4,000 मीटर की ऊंचाई में पाया जाता है हिम तेंदुआ
हिम तेंदुआ सूबे में 3,500 से 4,000 मीटर ऊंचे इलाकों में पाया जाता है। हिमाचल में भागा, भरमौर, कुल्लू के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, मियाड, ताबो, किन्नौर, पांगी, भरमौर, स्पीति आदि जगहों पर हिम तेंदुए पाए जाते हैं। इनके शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, लोगों में इनके संरक्षण के प्रति जागरूकता से हिम तेंदुए की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। विश्वभर में हिम तेंदुओं की संख्या 5,000 से भी कम है। जबकि, भारत में इनकी संख्या महज 300 से 500 के बीच है।