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कर्मचारियों की जेसीसी बैठक से पहले हिमाचल सरकार 2000 करोड़ रुपये का लोन लेगी
कर्मचारियों की जेसीसी बैठक से पहले हिमाचल सरकार 2000 करोड़ रुपये का लोन लेगी। हिमाचल प्रदेश के वित्त विभाग ने इस संबंध में गुरुवार को चार अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं। 500 करोड़ की प्रत्येक अधिसूचना में अलग-अलग अवधि के लिए कर्ज लेने की बात है। यह ऋण 9, 10, 11 और 12 वर्षों की अलग-अलग अवधि के लिए लिया जा रहा है। सरकार ने इस कर्ज को लेने के पीछे तर्क विकास कार्य के दिए हैं।
इस संबंध में हिमाचल सरकार रिजर्व बैंक के पास अपनी प्रतिभूतियों को गिरवी रखेगी। प्रदेश सरकार पर पहले से ही 61 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। अब यह कर्ज करीब 63000 करोड़ रुपए के पार हो जाएगा। हिमाचल सरकार के सामने पंजाब के छठे वेतन आयोग की ओर से जारी किए गए नए वेतनमान की तर्ज पर कर्मचारियों को वेतन देने का दबाव है। चुनावी वर्ष से ठीक पहले राज्य सरकार पर नए वेतनमान को देने की बाध्यता है।
राज्य के अपने कमजोर आर्थिक संसाधन होने के चलते कर्ज लेने के अलावा सरकार के पास और कोई चारा नहीं है। माना जा रहा है कि ताजा कर्ज को सरकारी कर्मचारियों को दिए जा रहे नए वेतन, महंगाई भत्ते और अन्य मदों पर खर्च करने लिए लिया जा रहा है। यह विशेष है कि कर्मचारियों की जेसीसी की बैठक 27 नवंबर को प्रस्तावित है। इसमें कर्मचारियों से संबंधित कई फैसले लिए जाने हैं, जिसके लिए सरकार को अतिरिक्त बजट की जरूरत है।
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