कर्नाटक में हिजाब विवाद के चलते बेंगलुरु के जिला प्रशासन ने 28 फरवरी तक धारा 144 (1) बढ़ा दी है. इसके चलते राजधानी में सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक धरना-प्रदर्शनों को अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही खुले स्थानों पर होने वाले विवाह समारोहों में 300 से ज्यादा और बंद जगहों पर 200 से अधिक लोगों के जमा होने पर भी रोक लगा दी गई है. बता दें कि जिला प्रशासन ने हिजाब समर्थक और विरोधी प्रदर्शनों के बाद शहर के सभी हाई स्कूलों के आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी.
बेंगलुरु जिला प्रशासन की ओर जारी आदेश में कहा गया है कि शहर में सोमवार 28 फरवरी तक धारा 144 (1) जारी रहेगी. इसके तहत सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक विरोध, किसी भी प्रकार के जुलूस सहित रैलियां, धरना, मंडली आदि सख्त वर्जित हैं. वहीं, खुले स्थानों में 300 से अधिक और बंद स्थानों में 200 लोगों के साथ विवाह समारोह आयोजित नहीं किए जा सकेंगे. इसके अलावा, जारी आदेश में कहा गया है कि खेल परिसर और स्टेडियम अपनी क्षमता के 50% से अधिक नहीं संचालित होंगे.
मालूम हो कि कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर उपजा विवाद थम नहीं रहा है. इसको लेकर राज्य की विधानासभा में भी सत्ता पक्ष बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच लड़ाई जारी है.
उधर, कर्नाटक हाई कोर्ट में राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार सुनवाई चल रही है. गुरुवार को 3 जजों की बेंच ने हिजाब मामले में तकरीबन एक घंटा सुनवाई की. अब अदालत में शुक्रवार यानी 18 फरवरी को सुनवाई की जाएगी.
बता दें कि सुनवाई के शुरुआती दिन उच्च न्यायालय ने अंतिम फैसला न आने तक शिक्षण संस्थानों में धार्मिक पोशाक पहनकर जाने पर पाबंदी लगा दी थी. हालांकि, विवाद के चलते बंद किए गए राज्य के स्कूल कॉलेज फिर से खुल गए हैं. अदालत में चल रही सुनवाई के बीच अब शिक्षण संस्थानों से हिजाब मामले को लेकर इक्का-दुक्का मामले सामने आ रहे हैं.
हाई कोर्ट की बेंच से पार्टी-इन-पर्सन विनोद कुलकर्णी ने दरख्वास्त की है कि छात्राओं को फिलहाल शुक्रवार यानी जुमा के दिन स्कूलों में हिजाब पहनने की अनुमति दे दी जाए. यह अंतरिम आदेश जनाक्रोश पैदा कर रहा है. इस अनुरोध पर अदालत ने विचार करने को कहा है. Live TV