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Hijab Controversy: नहीं थम रहा हिजाब पर विवाद, अब मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर की एंट्री!

jantaserishta.com
4 Feb 2022 5:34 AM GMT
Hijab Controversy: नहीं थम रहा हिजाब पर विवाद, अब मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर की एंट्री!
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नई दिल्ली: कर्नाटक में मुस्लिम महिलाओं (Muslim girls) के हिजाब (Hijab) पहनने को लेकर नेताओं के बीच विवाद जारी है. इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर राजनीतिकरण करने का आरोप है. दरअसल शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने इंफोसिस के पूर्व निदेशक मोदनदास पाईको जवाब देते हुए कहा, सिख पगड़ी या गले में क्रूस या माथे पर तिलक जैसे धार्मिक रूपों पर प्रतिबंध लगाने वाला कोई कानून नहीं है, ये सभी फ्रांस के सरकारी स्कूलों में प्रतिबंधित हैं लेकिन भारत में इसकी अनुमति है. जिसके बाद पाई, जो अब मणिपाल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष हैं ने शशि थरूर का जवाब देते हुए कहा कि सभी स्कूलों में एकता बनाने के लिए एक समान कोड होता है. अगर लोग कुछ पहनना चाहते हैं, तो उन्हें याचिका देनी होगी.

बता दें इससे पहले शशि थरूर ने ट्वीट कर सवाल किया था, यह भारत की ताकत रही है कि हर कोई जो चाहे वह पहनने के लिए स्वतंत्र है. यदि हिजाब की अनुमति नहीं है, तो सिख पगड़ी के बारे में क्या? इस सवाल के जवाब में पाई का बयान सामने आया है.कर्नाटक में हिजाब विवाद एक बड़े विवाद में बदल गया है, कई कॉलेजों ने गुरुवार को हिजाब पहने छात्रों के प्रवेश से इनकार कर दिया. कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि किसी भी धार्मिक वस्त्र – चाहे वह हिजाब हो या भगवा शॉल – की अनुमति नहीं दी जाएगी.गृह मंत्री ने आगे कहा, स्कूल वह जगह है जहां सभी धर्मों के बच्चों को एक साथ रहना सीखना चाहिए और इस भावना को आत्मसात करना चाहिए कि हम अलग नहीं हैं और सभी भारत माता के बच्चे हैं.
दरअसल, गुरुवार सुबह कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी छात्राओं को कालेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया. बताया जा रहा है कि, कॉलेज में बुर्का या हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को भंडारकर्स कालेज के प्राचार्य ने प्रवेश द्वार पर रोक दिया. प्राचार्य ने छात्रों से कहा कि, शासन के आदेश व कालेज के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्हें कक्षाओं में यूनिफॉर्म में आना होगा. इस पर छात्राओं का तर्क था कि वे लंबे समय से हिजाब में कालेज आ रही हैं, और उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए. लेकिन प्राचार्य ने उनके कालेज में प्रवेश से इनकार कर दिया.
जानकारी के अनुसार, चिक्कमंगलुरु के एक कालेज में हिजाब पहनकर आने वाली लड़कियों के खिलाफ विरोध करते हुए कालेज के छात्र भगवा रंग का शाल पहननकर कालेज पहुंचे थे. इसे लेकर मंगलवार को कई छात्रों ने धरना भी दिया. इसके बाद पुलिस ने कालेज परिसर में प्रवेश किया और स्थिति को नियंत्रित में लिया. विरोध के बीच कालेज के प्राचार्य एमजी उमाशंकर ने छात्रों को आंदोलन वापस लेने के लिए राजी किया था.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध के बहाने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इंटरनेट मीडिया पर ट्वीट किया कि केंद्र सरकार का बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा एकदम खोखला है.कर्नाटक के शैक्षिक संस्थानों में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर प्रवेश की मनाही पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम लड़कियों को केवल उनकी पोशाक के कारण शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है. यह अच्छा नहीं है.


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