भारत
राज्यों के साथ केंद्र की हाई लेवल मीटिंग: कैबिनेट सचिव ने की उच्च स्तरीय बैठक, राज्यों को ये निर्देश दिया
jantaserishta.com
18 Sep 2021 12:09 PM GMT
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की आशंकाओं को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्च स्तरीय बैठक की. इस उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजीव भूषण और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल के साथ ही राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और अन्य अधिकारी शामिल हुए.
राजीव गौबा ने एक दिन पहले कोरोना वैक्सीन की ढाई करोड़ से अधिक डोज लगाए जाने की ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बधाई दी. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिलाधिकारियों और राज्य स्वास्थ्य सचिवों को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और ये उम्मीद जताई कि डोज की उपलब्धता बढ़ेगी और वैक्सीनेशन की ये गति बरकरार रहेगी. राजीव गौबा ने साथ ही राज्यों को ये हिदायत भी दी कि कोरोना प्रोटोकॉल लागू किया जाए.
उन्होंने अन्य देशों का भी उदाहरण दिया जहां कई दफे कोरोना की पीक आई और कुछ इलाकों को लेकर चिंता व्यक्त की जहां टेस्ट पॉजिटिविटी हाई आ रही है. कैबिनेट सेक्रेटरी ने राज्यों के हेल्थ एडमिनिस्ट्रेटर्स को इसका बारीकी से विश्लेषण करने और अपने बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने के साथ ही जरूरी दवाएं स्टॉक करने के लिए भी कहा. उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना के मामलों में किसी भी संभावित उछाल को पूरा करने के लिए मानव संसाधन को जल्द से जल्द बढ़ाया जाए.
वहीं, स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 70 जिलों को चिंता का कारण बताया. उन्होंने कहा कि इनमें से 34 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से अधिक है. त्योहारों के मौसम में कोविड प्रोटोकॉल और इसके अनुरूप व्यवहार का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए. स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों से टेस्टिंग, ट्रैसिंग, ट्रीटमेंट और कोरोना के अनुरूप व्यवहार पर जोर देने के लिए कहा.
केंद्रीय कैबिनेट सेक्रेटरी की मीटिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 11 राज्यों में सामने आए सीरोटाइप- II डेंगू को लेकर चर्चा की. उन्होंने इसे बीमारी के दूसरे रूप से ज्यादा जटिल बताया और सुझाव दिया कि राज्य इससे निपटने के लिए जरूरी कदम उठाएं. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बीमारी की जल्दी पहचान, फीवर हेल्पलाइन शुरू करने, परीक्षण किट और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे कदम राज्यों को उठाने चाहिए. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि फीवर सर्वे, कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.
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