भारत

हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, कहा- ...तो फिर रेस्टोरेंट में खाना न खाएं...जानें पूरी बात

jantaserishta.com
20 July 2022 9:14 AM GMT
हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, कहा- ...तो फिर रेस्टोरेंट में खाना न खाएं...जानें पूरी बात
x

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को Service Charge को लेकर सीसीपीए के दिशा-निर्देशों पर रोक जारी रखते हुए बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने बयान दिया है. रेस्टोरेंट में खाना खाने वाले लोगों से कहा है कि अगर आप सेवा शुल्क (Service Charge) का भुगतान नहीं कर सकते हैं, तो फिर रेस्टोरेंट में खाना न खाएं.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेवा शुल्क पर प्रतिबंध लगाने वाले उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के दिशा-निर्देशों पर रोक लगा दी है. उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कहा था कि उपभोक्ताओं से 500 से ज्यादा शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद सर्विस चार्ज को लेकर सीसीपीए ने नए निर्देश जारी किए थे.
बीते 4 जुलाई को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने गाइडलाइन जारी की थी. इसके मुताबिक, होटल और रेस्टोरेंट बिल में सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकते. लेकिन ग्राहक की मर्जी होगी तो वे स्वेच्छा से सर्विस चार्ज का भुगतान कर सकते हैं. जस्टिस यशवंत वर्मा ने NRAI की याचिका को सुनवाई के लिए 20 जुलाई को लिस्टेड किया था, जिसपर सुनवाई के दौरान आज दिल्ली हाई कोर्ट ने सीसीपीए के दिशा-निर्देशों पर रोक को जारी रखा है.
NRAI की ओर से वकील नीना गुप्ता और अनन्या मारवाह ने याचिका दायर की थी. इसमें CCPA द्वारा होटल और रेस्टोरेंट द्वारा वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज पर रोक के संबंध में 'अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन' के लिए जारी गाइडलाइन को रद्द करने की मांग की थी.
इकसे अलावा वरिष्ठ वकील ललित भसीन ने तर्क दिया कि रेस्टोरेंट की तीन श्रेणियां होती हैं. पहली जो सर्विस चार्ज नहीं वसूलते. दूसरा जो कस्टमर की सहमति के बिना सेवा शुल्क वसूलते हैं. वहीं, तीसरे ऐसे हैं, जो सर्विस चार्ज लेते हैं और इसका जिक्र उनके मीनू में भी होता है. ललित भसीन ने कोर्ट से मांग की है कि CCPA की गाइडलाइन, जो रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज लेने से रोकती है को तीसरे श्रेणी के रेस्टोरेंट पर लागू नहीं होना चाहिए. जो मीनू पर सर्विस चार्ज का जिक्र करते हैं.

Next Story