हाईकोर्ट ने हत्यारे बेटे को दी उम्रकैद की सजा, मछली नहीं बनाने पर किया था मां का मर्डर
मुंबई। एक व्यक्ति ने अपनी मां की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि उन्होंने रसोई में मछली की जगह बैंगन की सब्जी बना दी थी. जब ये मामला कोर्ट में गया था तब आरोपी बेटे को उम्रकैद की सजा सुना दी गई. लेकिन अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे निवासी व्यक्ति की सजा को कम कर दिया है. नरेश पवार और उनकी मां एकाबाई महाराष्ट्र के ठाणे जिले के ग्राम निलजेपाड़ा में ईंट भट्ठे पर काम करते थे और पास ही एक झोपड़ी में रहते थे. 19 मार्च 2011 को होली का त्योहार मनाने अधिकांश मजदूर अपने-अपने गृह नगर गए थे, हालांकि, पवार और उनकी मां अपनी झोपड़ी में थे. 19 मार्च 2011 को शाम के करीब 7 बजे थे, शाम को बैंगन की सब्जी बनाने को लेकर पवार का अपनी मां एकाबाई से झगड़ा हो गया.
पवार ने अपनी मां से पूछा कि उन्होंने मछली क्यों नहीं बनाई? इसकी जगह आलू बैंगन की सब्जी बनी, वो भी ठीक से नहीं पकी. पवार इतने नाराज हो गए कि उन्होंने लोहे की रॉड उठा ली और अपनी मां के साथ मारपीट करने लगे. पड़ोसियों ने झगड़ा रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक पवार ने अपनी मां की हत्या कर दी थी. एकाबाई को मृत घोषित किए जाने के बाद FIR दर्ज हुई और मुकदमे के दौरान, पवार ने खुद को निर्दोष बताया. अभियोजन पक्ष ने 2 चश्मदीदों सहित 7 गवाह पेश किए. सेशन कोर्ट ने पवार को दोषी पाया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
जब कल्याण कोर्ट के आदेश के खिलाफ पवार की अपील जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसडी कुलकर्णी की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आई तो पवार की ओर से बहस करते हुए वकील सुशील इनामदार ने कहा कि आरोपी नाराज था और आवेश में आकर उसने एक लोहे की रॉड उठाई और मां की हत्या कर दी. उसकी मां की पीठ पर 2-3 वार किए गए जिससे उसकी तत्काल मौत हो गई.