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हाईकोर्ट ने कहा- पत्नी को बार-बार ताना मारना और अन्य स्त्रियों से तुलना करना मानसिक क्रूरता, जानें पूरी बात

jantaserishta.com
17 Aug 2022 4:35 AM GMT
हाईकोर्ट ने कहा- पत्नी को बार-बार ताना मारना और अन्य स्त्रियों से तुलना करना मानसिक क्रूरता, जानें पूरी बात
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: केरल हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि पति द्वारा पत्नी को बार-बार ताना मारना और अन्य स्त्रियों से तुलना करना एक प्रकार से मानसिक क्रूरता है। यह टिप्पणी उस समय आई जब एक मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फैसला सुनाया है। याचिका में पति ने एक फैमिली कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी जिसमें पत्नी ने तलाक की मांग की है।

दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति सीएस सुधा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी की है। कोर्ट द्वारा यह भी कहा गया कि पति के लगातार और बार-बार ताने और अन्य महिलाओं के साथ तुलना निश्चित रूप से मानसिक क्रूरता होगी। क्या किसी पत्नी से भी ऐसी उम्मीद की जा सकती है। याचिकाकर्ता पत्नी की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की है।
पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसका पति उसे लगातार याद दिलाता था कि वह दिखने के मामले में उसकी अपेक्षाओं को पूरा नहीं करती है। इतना ही नहीं उसने अपनी पत्नी से यह भी कहा कि अन्य महिलाओं की तुलना में वह उसे निराश करती है। उसके भाई की पत्नियां उससे ज्यादा सुंदर हैं। अदालत ने कहा कि हालांकि तलाक के लिए यह पर्याप्त कारण नहीं है, लेकिन कानून को इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए यह टिप्पणियां की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जनहित की मांग है कि जहां तक ​​संभव हो वैवाहिक स्थिति को बनाए रखा जाना चाहिए। जबकि एक शादी को उबारने की उम्मीद की बजाय उसे बर्बाद किया जा रहा हो।

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