पराए मर्द के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली विवाहिता को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, याचिका खारिज
यूपी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार यदि पति-पत्नी जीवित हैं और तलाक नहीं लिया गया है तो उनमें से कोई दूसरी शादी नहीं कर सकते। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून के विरुद्ध संबंधों को न्यायालय का समर्थन नहीं मिल सकता। इसी के साथ कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली विवाहिता की याचिका खारिज कर दी।
यह आदेश न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल ने कासगंज की एक विवाहिता और अन्य की याचिका खारिज करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि विवाहित महिला पति से तलाक लिए बिना किसी अन्य के साथ लिव इन में नहीं रह सकती। ऐसे रिश्तों को मान्यता देने से अराजकता बढ़ेगी और देश का सामाजिक ताना-बाना नष्ट होगा। दोनों में से किसी याची का अपने पति या पत्नी से तलाक नहीं हुआ है। इस खबर पर लगातार अपडेट जारी है। सही और सटीक खबरों के लिए बने रहिए jantaserishta.com पर।