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हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, पत्नी शारीरिक क्रूरता के आधार पर तलाक की हकदार

3 Jan 2024 6:18 AM GMT
हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, पत्नी शारीरिक क्रूरता के आधार पर तलाक की हकदार
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तिरुवंतपुरम: केरल हाई कोर्ट ने पति-पत्नी विवाद में बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि पत्नी शारीरिक क्रूरता के आधार पर तलाक की हकदार है। अदालत ने कहा कि यदि पति बिना मर्जी के शारीरिक संबंध बनाता है तो यह मानसिक और शारिरिक क्रूरता माना जाएगा। मामला एक महिला की दो याचिकाओं से जुड़ा है, जिसमें …

तिरुवंतपुरम: केरल हाई कोर्ट ने पति-पत्नी विवाद में बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि पत्नी शारीरिक क्रूरता के आधार पर तलाक की हकदार है। अदालत ने कहा कि यदि पति बिना मर्जी के शारीरिक संबंध बनाता है तो यह मानसिक और शारिरिक क्रूरता माना जाएगा। मामला एक महिला की दो याचिकाओं से जुड़ा है, जिसमें उसने पति पर शारिरिक क्रूरता और जबरन संबंध बनाने को आधार बनाते हुए तलाक की अर्जी लगाई थी। इसके अलावा उसने ससुरालियों पर उसके गहने और पैसों का दुरपयोग करने और उसे घर से निकालने का आरोप लगाया है। मामले में पहले पारिवारिक अदालत महिला की याचिकाओं को खारिज कर चुका है।

महिला की दो याचिकाओं पर सुनवाई न्यायमूर्ति अमित रावल और सीएस सुधा की खंडपीठ ने की। केरल हाई कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग लोग यौन विकृत कृत्यों को अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया जा सकता है, लेकिन अगर एक पक्ष यौन संबंध बनाने के लिए असहमति जताए या आपत्ति व्यक्त करे तो दूसरे को उसका सम्मान करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो यह क्रूरता मानी जाएगी।

दरअसल, महिला ने पारिवारिक अदालत के दो आदेशों के खिलाफ हाई कोर्ट में दो याचिकाएं डाली थी। इसमें पहला आदेश पति की क्रूरता के आधार पर तलाक की अर्जी थी, जिसे पारिवारिक अदालत ने खारिज कर दिया था। दूसरा आदेश पति को मिलने वाले वैवाहिक अधिकार थे।

महिला की दो अलग-अलग याचिकाओं को सुनते हुए अदालत ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का आचरण और चरित्र पति या पत्नी के दुख और पीड़ा का कारण बनता है, तो वह आचरण निश्चित रूप से पति या पत्नी के लिए क्रूरता होगा। इसलिए महिला को तलाक की मंजूरी मिलना उचित है।

हाई कोर्ट ने कहा, "पत्नी को उसकी इच्छा और सहमति के विरुद्ध यौन विकृतियों के अधीन करना निश्चित रूप से मानसिक और शारीरिक क्रूरता का कार्य है।" बता दें कि इस जोड़े की शादी 2009 में हुई थी और पति कथित तौर पर 17 दिनों तक साथ रहने के बाद नौकरी के लिए विदेश चला गया था। उसके जाने के बाद महिला 29 नवंबर 2009 तक अपने वैवाहिक घर में रही। महिला का आरोप है कि शादी के समय दिए गए सोने के गहने और 1 लाख रुपये का पति और उसके परिवार ने दुरुपयोग किया।

29 नवंबर 2009 को पत्नी को उसके ससुराल वालों ने घर से बाहर निकाल दिया। अगले दिन, उसने और उसकी मां ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पति ने कभी उससे संपर्क नहीं किया। महिला का आरोप है कि पति ने साथ रहते हुए बिना मर्जी के उसके साथ शारिरिक संबंध बनाए। इससे उसे शारीरिक और मानसिक पीड़ा हुई। महिला ने आरोप लगाया कि पति अपनी मर्जी से अलग-अलग तरीकों से शारिरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाता था। इनकार करने पर उसकी पिटाई भी करता था।

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