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'गोवालपारा डिटेंशन सेंटर' के निर्माण के लिए हाई कोर्ट ने दिया 45 दिन का समय, 9 सितंबर को अगली सुनवाई

Deepa Sahu
23 Aug 2021 10:11 AM GMT
गोवालपारा डिटेंशन सेंटर के निर्माण के लिए हाई कोर्ट ने दिया 45 दिन का समय, 9 सितंबर को अगली सुनवाई
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गुवाहाटी हाई कोर्ट (Guwahati High Court) ने असम सरकार (Assam government) को गोवालपारा जिले में एक डिटेंशन सेंटर, जिसे अब ट्रांजिट कैंप का नाम दिया गया है,

गुवाहाटी हाई कोर्ट (Guwahati High Court) ने असम सरकार (Assam government) को गोवालपारा जिले में एक डिटेंशन सेंटर, जिसे अब ट्रांजिट कैंप का नाम दिया गया है, का निर्माण पूरा करने के लिए 45 दिन का समय दिया है. शांतनु बोरठाकुर की याचिका सहित कई अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराणा ने गोवालपारा के मटिया में डिटेंशन केंद्र का निर्माण पूरा करने के लिए छह सप्ताह का समय देने का सरकार का अनुरोध स्वीकार कर लिया.

अदालत ने अपने 11 अगस्त के आदेश में कहा, " अदालत प्रस्तावित डिटेंशन केंद्र के निर्माण को पूरा करने और बंदियों को केंद्र में स्थानांतरित करने के लिए राज्य के आग्रह के अनुसार 45 दिन का समय देने की इच्छुक है. " अदालत को बताया गया कि मौजूदा समय में राज्य के विभिन्न डिटेंशन केंद्रों में लगभग 177 बंदी हैं और उनमें से अधिकांश जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए हैं, जो उनकी रिहाई के लिए आवश्यक हैं.
निर्माण को सितंबर, 2021 तक पूरा करने का था वादा
अदालत ने कहा, "राज्य की परिकल्पना थी कि मटिया, गोवालपारा में डिटेंशन केंद्र के निर्माण को सितंबर, 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा." महाधिवक्ता ने कहा कि निर्माण कार्य को एक महीने में पूरा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने छह सप्ताह का समय देने का आग्रह किया. सरकार ने अदालत को सूचित किया कि निर्माण पूरा होने के बाद विभिन्न डिटेंशन केंद्रों में बंद सभी बंदियों को मटिया के केंद्र में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख नौ सितंबर तय कर दी.
गोवालपारा में बन रहा केंद्र, असम में मिले संदिग्ध और घोषित विदेशियों को रखने के लिए एकमात्र समर्पित स्थान होगा, जिसमें 400 महिलाओं सहित 3,000 बंदियों को रखा जा सकेगा. असम में फिलहाल छह डिटेंशन केंद्र हैं.
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