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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
हुबली: हुबली के ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव की अनुमति को लेकर मंगलवार को दिनभर सुनवाई चलती रही। कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में देर शाम तक सुनवाई हुई। कोर्ट ने सभी पक्षों को हाईकोर्ट जाने को कहा। करीब छह घंटे बाद रात करीब 11 बजे कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में गणेशोत्सव की मंजूरी दे दी।
देर रात तक चली सुनवाई में कर्नाटक हाईकोर्ट ने धारवाड़ नागरिक निकाय की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने हुबली ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति देने के अधिकारियों के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सुनवाई न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी के चैंबर में हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। इससे पहले मंगलवार शाम में सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी समारोह को आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने उस जगह पर दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाकर रखने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि पिछले 200 साल में ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी का ऐसा कोई समारोह आयोजित नहीं हुआ है। उसने मामले के पक्षों से विवाद के निवारण के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट जाने को कहा था। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने शाम 445 बजे विशेष सुनवाई में कहा था कि पूजा कहीं और की जाए।
पीठ ने कहा, 'रिट याचिका हाईकोर्ट की एकल पीठ के समक्ष लंबित है और सुनवाई के लिए 23 सितंबर, 2022 की तारीख तय हुई है। सभी सवाल और विषय हाईकोर्ट में उठाए जा सकते हैं।' उसने कहा, 'इस बीच इस जमीन के संबंध में दोनों पक्ष आज जैसी यथास्थिति बनाकर रखेंगे। विशेष अनुमति याचिका का निस्तारण किया जाता है।' शीर्ष अदालत कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ कर्नाटक तथा कर्नाटक वक्फ बोर्ड की अपील पर सुनवाई कर रही थी।
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