हाईकोर्ट ने सेवारत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को लेकर दिया आदेश
फरीदाबाद। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 30 सालों से अनुबंध पर सेवारत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार कल्याणकारी राज्य के रूप में अपनी भूमिका को न भूले। राम रतन और अन्य ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट से अपील की थी कि उन्हें नियमित किया जाए। उनकी नियुक्ति 1993 में हुई थी और तभी से वे अनुबंध के आधार पर सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही यह दलील भी दी गई कि स्वीकृत पद न होने के चलते उन्हें नियमित नहीं किया गया।
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि एक कल्याणकारी राज्य के रूप में सरकार अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकती। 2003 की नीति के तहत उनके समान काम करने वाले राज्य के अन्य कर्मियों को नियमित कर दिया गया जबकि याचिकाकर्ताओं को यह लाभ नहीं दिया गया। हाईकोर्ट ने 2003 की नीति के अनुसार याचिकाकर्ताओं को नियमित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उनको नियमित करने की तिथि से उन्हें सभी लाभ 6 प्रतिशत ब्याज के साथ जारी करने का निर्देश दिया है।