चंडीगढ़। 13 एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (एडीजे) की पदोन्नति संबंधी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की सिफारिश न मानने के हरियाणा सरकार के फैसले को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस जीएस संधावालिया, जस्टिस लपिता बैनर्जी की खंडपीठ ने पदोन्नति संबंधी हाई कोर्ट की 23 फरवरी 2023 की सिफारिशों को दो सप्ताह …
चंडीगढ़। 13 एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (एडीजे) की पदोन्नति संबंधी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की सिफारिश न मानने के हरियाणा सरकार के फैसले को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस जीएस संधावालिया, जस्टिस लपिता बैनर्जी की खंडपीठ ने पदोन्नति संबंधी हाई कोर्ट की 23 फरवरी 2023 की सिफारिशों को दो सप्ताह में स्वीकार करने के निर्देश दिए थे। खंडपीठ ने याचिका दायर करने वाले पांच जजों की पदोन्नति में देरी पर हरियाणा सरकार को 50-50 हजार रुपए हर्जाना अदा करने के आदेश दिए हैं।
सात सिविल जज ने याचिका दायर कर हरियाणा सरकार के इस संबंध में जारी 12 सितंबर के पत्र को खारिज करने की मांग की थी। सरकार ने मामले में केंद्रीय विधि मंत्रालय को शामिल कर संवैधानिक प्रोटोकॉल की अनदेखी की है। अनुच्छेद 233 के तहत डिस्ट्रिक्ट जजों की नियुक्ति हाईकोर्ट के परामर्श पर राज्यपाल करेगा। मौजूदा मामले में हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट की सिफारिश को खारिज कर केंद्रीय विधि मंत्रालय से इस मामले में लीगल ओपिनियन मांगी है। ऐसे में यह प्रोटोकॉल की अनदेखी है।