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कैदियों से मुलाकात सम्बन्धी दिल्ली सरकार के फैसले पर हाई कोर्ट ने लगाई मुहर

Teja
20 Feb 2023 2:43 PM GMT
कैदियों से मुलाकात सम्बन्धी दिल्ली सरकार के फैसले पर हाई कोर्ट ने लगाई मुहर
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नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि जेल के कैदियों को वकीलों, परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ सप्ताह में केवल दो मीटिंग करने के दिल्ली सरकार का आदेश सही है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जेल में कैदियों की संख्या को देखते हुए कैदियों से दो बार ही मिलने की अनुमति देने का फैसला जायज है.

कोर्ट ने कहा कि ये फैसला जेल में उपलब्ध सुविधाएं, स्टाफ की उपलब्धता और कैदियों की संख्या इत्यादि को देखने के बाद काफी सोच समझकर लिया गया है. कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याचिका का निस्तारण कर दिया. कोर्ट ने 26 फरवरी, 2021 को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था.

याचिका जय ए देहाद्रि ने दायर की थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील हर्षित गोयल ने दिल्ली प्रिजन रुल्स के नियम 585 को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ये प्रावधान संविधान की धारा 21 के तहत कैदियों को न्याय तक पहुंच के अधिकार का उल्लंघन करता है. यह प्रावधान कैदियों को सप्ताह में अपने वकीलों से केवल दो बार मिलने की अनुमति देता है.

याचिका में कहा गया था कि तिहाड़ सेंट्रल जेल के कैदियों की प्रोफाइल में ही कहा गया है कि जेल के कुल कैदियों में 82.02 विचाराधीन कैदी हैं. ऐसे में वकीलों के साथ मीटिंग करने और आगे के कदम उठाने के लिए लगातार कानूनी समर्थन की जरूरत होती है. याचिका में कहा गया था कि किसी भी कैदी का बुनियादी अधिकार है कि उसका उचित कानूनी प्रतिनिधित्व हो.

याचिका में मांग की गई थी कि दिल्ली प्रिजन रूल्स में संशोधन कर सोमवार (Monday) से शुक्रवार (Friday) तक कानूनी सलाह के लिए अपने वकील से मिलने की असीमित समय का प्रावधान लागू करने का दिशानिर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया था कि अमेरिका जैसे दूसरे विकसित देशों में कैदियों को अपने वकीलों से मीटिंग करने की संख्या पर कोई रोक नहीं है.

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