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निजी गाड़ियों पर नेम प्लेट लगाए जाने से हाई कोर्ट नाराज...कार पर मुखिया, सरपंच, विधायक लिखाना पड़ेगा महंगा
jantaserishta.com
9 Dec 2021 1:02 AM GMT
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फाइल फोटो
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झारखंड में बढ़ते वीआईपी कल्चर को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए इस पर सोरेन सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया है.
दरअसल झारखंड में निजी वाहनों और गाड़ियों में खुद को प्रभावशाली दिखाना और भीड़ से अलग ट्रीटमेंट पाने के फिराक में नेम प्लेट के उपयोग का चलन तेजी से बढ़ रहा है जिसे होई कोर्ट ने गलत ठहराया है.
निजी वाहनों पे विधायक, सरपंच, मुखिया, सांसद, सांसद प्रतिनिधि , विधायक प्रतिनिधि , अध्यक्ष , महासचिव , सचिव और पार्षद समेत अन्य प्लेट लगाए जाने पे हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है.
झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर निजी वाहनों पे शान से ऐसे नेम प्लेट लगाकर कोई कैसे घूम सकता है. हाई कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद स्थानीय अधिकारी हरकत में आ गए और राजधानी रांची और अन्य जगहों पर ट्रैफिक पुलिस ने नेम प्लेट लगी गाड़ियों को रोककर उसे उतारने का काम शुरू कर दिया.
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर ओरण ने भी हाई कोर्ट की नाराज़गी को वाजिब बताया है. उन्होंने कहा, 'वो भी इसके पक्ष में हैं कि झूठी शान बघारने वालो लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.' मंत्री ने कहा, उनका मानना है कि निजी वाहनों पर नेम प्लेट लगाने की ज़रुरत ही क्या है.
बता दें कि गाड़ियों से लाल बत्ती उतारे जाने के बाद अब लोग खुद को वीआईपी दिखाने और बताने के लिए अपनी गाड़ी पर ऐसे नेम प्लट लगवा लेते हैं. ऐसे में अब झारखंड में खास दिखने की चाहत रखने वाले को ये शौक महंगा पड़ सकता है.
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